Advertisement एक और Vijay Mallya, भारतीय बैकों के 6800 करोड़ लेकर फरार !


Vijay Mallya, भारतीय बैकों के 6800 करोड़ लेकर फरार !

देश के सबसे बड़े बैंक डिफॉल्टर Vijay Mallya देश के 17 बैकों से करीब 9400 करोड़ रुपये लेकर पहले ही फरार हो चुका है, वो लंदन में रह रहे है।

New Delhi, Jun 02 : लोग अभी विजय माल्या का मामला भूले भी नहीं थे कि एक और बैंक का कर्जदार देश छोड़ विदेश में बस गया है, जीहां, Winsome डायमंड के प्रमोटर जतिन मेहता और उनकी पत्नी ने भारत छोड़ दुबई की सिटीजनसिप ले ली। ज्ञात हो कि इनकी कंपनी पर भारतीय बैंकों के करीब 6800 करोड़ रुपया बकाया है, लेकिन जांच करने वालों के अनुसार वो कर्ज चुकाने के विदेश में जा बसे हैं।Read Also : Banks के सैकड़ों करोड़ बट्टे खाते में, एक नए घोटाले की आहट !इनवेस्टीगेटर के अनुसार जतिन मेहता अपने परिवार के साथ 2013-14 में ही देश छोड़ चुके है, वो दुबई में रह रहे है, और वहीं की नागरिकता हासिल कर चुके है। विदित हो कि इनकी कंपनी Winsome डायमंड्स पर भारतीय बैकों के करीब 6800 करोड़ रुपया बकाया है, वो देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक डिफॉल्टर है। बैंक इस इनके खिलाफ भी कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है, बैंको का कहना है कि किसी भी तरह से वो कर्ज वसूलना चाहते है, इसके लिए उन्हें कोर्ट ही क्यों ना जाना पड़ें ?Read Also : Aadhar योजना के भारतीय अनुभवों को बांटना चाहता है World Bankदेश के सबसे बड़े बैंक डिफॉल्टर विजय माल्या देश के 17 बैकों से करीब 9400 करोड़ रुपये लेकर पहले ही फरार हो चुका है, वो लंदन में रह रहे है, माल्या सोशल साइट ट्विटर के माध्यम से आश्वासन दे रहे है कि वो सारा कर्ज चुका देंगे, लेकिन सरकार उन्हें देश लौटने और सुरक्षा की गारंटी दे, लेकिन सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने के बाद मामला अधर में ही लटका है। कोर्ट के आदेश के बाद प्रवर्त्तन निदेशालय माल्या की चल-अचल संपत्ति का आकलन कर रही है, ताकि उनकी संपत्ति को नीलाम कर बैकों का कर्ज चुकाया जा सकें।Read Also : जानिए, क्यों बैकों (Bank) को लगने लगा है एक और विजय माल्या तैयार हो रहा है ?भारतीय बैंक पहले ज्यादा बड़े कर्जदारों के नाम का खुलासा नहीं करती थी, लेकिन आरबीआई में रघुराम राजन के गवर्नर बनने के बाद उन्होने बैकों पर दबाव बनाया कि वो बड़े कर्जदारों पर भी पैसे वसूलने के लिए दबाव बनाएं, साथ ही उन्होने बैंकों ये भी कहा कि वो अपना बही-खाता साफ करें, पुराने कर्जों का हिसाब-किताब कर नया कर्ज दे। इससे पहले बैंक वाले डरते थे कि लोगों को कर्जदारों के बारे में पता चलेगा तो उनका और उस व्यक्ति दोनों की छवि खराब होगी, लेकिन राजन के दबाव के बाद बैंक ने सभी डिफॉल्टरों के नाम घोषित कर दिए।

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