क्या आपको मालूम है कि गाँधीजी को मारने की पांच कोशिशें विफल हुईं लेकिन छठा हमला सफल हुआ। उन्हें मारने की पहली कोशिश 1934 में हुई थी। तो कौन था जिसे गांधीजी से इतने गिले शिक़वे थे ? किसकी संकीर्ण, खूनी विचारधारा में गांधीजी जैसे महानुभाव की कोई जगह नहीं थी। और वो कौन है जो अब इतिहास को बदल कर अपने किये को हमेशा के लिए मिटाना चाहते हैं। इन छह हमलों में से तीन में नाथूराम गोडसे मौके पर मौजूद था। कब-कब क्या हुआ बता रही हैं पत्रकार औऱ सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, देखिए इस वीडियो में...