राम, अयोध्या, मंदिर, मस्जिद !

अयोध्या के सभी मन्दिरों की उम्र 400-500 साल है। यानी ये मंदिर तब बने जब हिंदुस्तान पर मुगल या मुसलमानों का राज रहा। 
 
कैसे बनने दिए होंगे मुसलमानों ने ये मंदिर? उन्हें तो मंदिर तोड़ने के लिए याद किया जाता है। उनके रहते एक पूरा शहर मंदिरों में तब्दील होता रहा और उन्होंने कुछ नहीं किया? कैसे अताताई थे वे, जो मंदिरों के लिए जमीन दे रहे थे? शायद वे लोग झूठे होंगे जो बताते हैं कि जहाँ गुलेला मंदिर बना, उसके लिए जमीन मुसलमान शासकों ने ही दी!
 
दिगंबर अखाड़े में रखा वह दस्तावेज भी शायद गलत होगा जिसमें लिखा है कि मुसलमान राजाओं ने मंदिरों के बनाने के लिए 500 बीघा जमीन दी। निर्मोही अखाड़े के लिए नवाब सिराजुदौला के जमीन देने की बात भी सच नहीं होगी। सच तो बस बाबर है और उसकी बनवाई बाबरी मस्जिद!
 
अब तो भाईलोगों को तुलसी भी गलत लगने लगे हैं, जो 1528 के आसपास जन्मे थे।
 
वे लोग कहते हैं कि 1528 में ही बाबर ने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनवाई। तुलसी ने तो देखा या सुना नहीं होगा उस बात को? बाबर राम के जन्मस्थल को तोड़ रहा था और तुलसी लिख रहे थे - 'माँग के खाइबो मसीत में सोइबो'?
और फिर उन्होंने रामचरित मानस लिख डाला।
राम मंदिर (अगर था) के टूटने का और बाबरी मस्जिद बनने का क्या तुलसी को जरा अफसोस न रहा होगा? उन्होंने इस बारे में कहीं लिखा क्यों नहीं?
 
अयोध्या में सच और झूठ अपने मायने खो चुके हैं। मुसलमान पाँच पीढ़ी से वहाँ फूलों की खेती कर रहे हैं। उनके फूल सब मंदिरों पर, उनमें बसे देवताओं पर.. राम तक पर चढ़ते रहे हैं।
 
मुसलमान वहाँ खड़ाऊँ बनाने के पेशे में भी जाने कब से हैं। ऋषि मुनि, संन्यासी, रामभक्त सब मुसलमानों की बनाई हुई खड़ाऊँ ही पहनते रहे।
 
सुंदरभवन मंदिर का सारा प्रबंध चार दशक तक एक मुसलमान के हाथों में रहा। 1949 में इसकी कमान संभालने वाले मुन्नू मियाँ 23 दिसंबर, 1992 तक इसके मैनेजर रहे। जब कभी लोग कम होते और आरती के वक्त मुन्नू मियाँ खुद खड़ताल बजाने खड़े हो जाते तब क्या वह सोचते होंगे कि अयोध्या का सच क्या है और झूठ क्या?
 
अग्रवालों के बनवाए एक मंदिर की हर ईंट पर 786 लिखा है। उसके लिए सारी ईंटें राजा हुसैन अली खाँ ने दीं।
 
किसे सच मानें?
क्या मंदिर बनवाने वाले वे अग्रवाल सनकी थे, या दीवाना था वह हुसैन अली खाँ जो मंदिर के लिए ईंटें दे रहा था? 
 
-- दिनेश चौधरी अयोध्या वाले 
 
Via -- Om Thanvi