रोज़गार गारंटी की लड़ाई ग्राम पंचायत से लेकर उच्चतम न्यायलय तक लड़ेंगे- निखिल डे

भीम, 16 फरवरी : राजसमन्द जिले की भीम पंचायत समिति के सामने 12 ग्राम पंचायतों से 800 से भी अधिक नरेगा मजदूर डाक बंगले के पास इकठ्ठा हुए वहां से हाथों में तख्तियां और थालियाँ लेकर रैली के रूप में भीम के बाज़ारों से निकले और थाली बजाकर प्रशासन को जगाने और अपना विरोध दर्ज कराया. ये रैली एवं जन सुनवाई सामाजिक सुरक्षा के विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर आयोजित की गई.


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नरेगा में अतिरिक्त 50 दिन वित्तीय वर्ष 16-17 के लिए लेकिन अचानक वापस लिया- नरेगा में 150 दिन के रोज़गार दिए जाने का आदेश राज्य सरकार द्वारा 21 जून 2016 को ज़ारी किये (सभी आदेशों की प्रतियाँ संलग्न हैं)जाने जिसमें वर्ष 16-17 के लिए अतिरिक्त 50 दिए जाने का प्रावधान किया. सभी जिला कलक्टर को ये आदेश ज़ारी हुए जिसके के आधार पर जिलों में 100 से आधिक दिनों का रोज़गार विभिन्न जिलों द्वारा लोगों को दिया गया. फिर अचानक 29 दिसंबर 2016 को आयुक्त नरेगा द्वारा एक आदेश ज़ारी किया जिसमें 100 से अधिक दिन का रोज़गार नहीं दिए जाने और जिन जिलों में दे दिया(राजसमन्द जिला भी सामिल है) गया है उनसे वसूली किये जाने का आदेश ज़ारी किया गया. इसके आधार पर भीम व आस-पास के इलाके में मेटों ने लोगों द्वारा किये गए काम के पैसे वापस वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
भीम पंचायत समिति की 12 से अधिक ग्राम पंचायतों से आये लोगों ने बताया कि अभी जिन लोगों ने 100 से अधिक दिन का काम ले लिया है उनको मेट एवं रोज़गार सहायक पैसा वापस लौटने के लिए दवाब बना रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 14487 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किये जाने के बाद 50 अतिरिक्त दिन के रोज़गार के के लिए आदेश भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ज़ारी किये थे जो वित्तीय वर्ष 16-17 के लिए थे. परन्तु राजस्थान सरकार सरकार द्वारा ये वापस लिए जाना लोगों के रोज़गार गारंटी के काम पर कुठाराघात है.

जिस घर में शौचालय नही तो नरेगा काम नही, 12 हजार मे नही बनता शौचालय- टोगी से आई जशोदा देवी ने बताया कि मेरे पास शौचालय बनाने के लिए रूपये नही है, घर चलाने के लिए राशन खरीदे या शौचालय बनवाए. उसने बताया कि शौचालय नहीं बनबा पाने के कारण नरेगा मे काम नहीं दिया जा रहा है. जन सुनवाई में आये सभी ग्राम पंचायत के लोगों ने कहा कि जो लोग धन के अभाव में शौचालय नहीं बनवा पाए हैं उनसे पहले शौचालय बनाने के लिए इतना दवाब बनाया जा रहा है जिनके घर में शौचालय नहीं है उनको नरेगा में काम ही नहीं दिया जा रहा है. टोगी से आई बादामी देवी ने बताया कि उसे पिछले एक महीने से शौचालय नहीं होने की बजह से काम नहीं दिया जा रहा है. धरने मे भीम के आस-पास से आई सैकडो महिलाओ ने कहा कि अपना पूरा इलाका पथरीला है 10 हजार मे तो खड्डा ही नही खुदता, शौचालय कहां से बनेगा.

ई-मित्र वाले कर रहे है लूट- धरने मे कुण्डाल की गुआंर ग्राम पंचायत भीम से आई कमलादेवी ने कहा कि ग्राम पचांयत मे गई तो तहसील के बाहर स्थित ई-मित्र पर जाकर वर्ष में एक बार दी जाने वाली हाजरी दिए जाने के लिए कहा में जब वहां गई तो वहां पर अगुठां लगाकर हाजरी भराने के 50 रूपये मांगे. वही कूकरखेडा निवासी वरदी बाई ने बताया कि ग्राम पचांयत मे जॉबकार्ड बनाने के ऐवज मे 200 रूपये लिये वही चालीस मील निवासी मीना पत्नि प्रेमराज कूकरखेडा ग्राम पचांयत मे जॉबकार्ड के लिए 500 रूपये मांगे मेरे पास 500 रूपये नही थे इसलिए आज तक जॉबकार्ड नही बनवा पाई इसीलिए नरेगा के काम से वचिंत हूँ. दहेडिया ग्राम पंचायत समेलिया से आई मजुं पत्नि नारायणलाल ने बताया कि मैं ग्राम पचायंत मे जॉबकार्ड बनवाने गई तो फॉर्म जमा करवाने के ही 110 रूपये ले लिये एंव जब जॉबकार्ड लेने गई तो 150 रूपये और मांगे एवं मैंने 150 रूपये देने से मना कर दिया तो आज तक मुझे जॉबकार्ड नही दिया है.

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बीपीएल परिवार से हूँ मकान तो बनवा दो- वर्तमान विधायक के घर के सामने नंदावट में रहने वाली विधवा धापू पत्नि खीमसिह बताया कि मै कच्चे मकान मे रह रही हूँ उसका कुछ हिस्सा भी इस बार बरसात मे गिर गया था। एमएलए साहब को पीडा बताई तो उन्होने बीडीओ साहब से मिलने के लिए कहा. बीडीओ साहब से मिली तो उन्होने कहा कि तेरे तो सरकारी रिकॉर्ड मे पहले ही बना हुआ है. विधवा ने कहा कि साहब मेरे एक झोंपड़ी तो बनवा दो.
 
आवास के नाम पर अवैध वसूली- दहेडिया ग्राम पंचायत समेलिया से आई मजुं पत्नि नारायणलाल ने बताया कि आवास स्वीकृति के नाम पर वार्डपचं ने 2 हजार रूपये ले लिये परन्तु आज तक न तो स्वीकृति हुई एंव ना ही 2 हजार रूपये वापस दिये.

तीन वर्ष से नही मिला नरेगा का बकाया भुगतान- धरने में टोगी से आई पानीदेवी पत्नि भंवरलाल ने बताया कि 3 वर्ष पूर्व काबरा मे नरेगा मे काम किया परन्तु आज तक भुगतान नही मिला, हामेला की वेर निवासी देवीसिह पिता रामसिह ने बताया कि पिछले वर्ष मई मे रात्या थाक मे नरेगा मे काम किया परन्तु 8 माह बाद भी भुगतान नही मिला वही ठीकरवास निवासी बदामी पत्नि लक्ष्मणसिह का नरेगा भुगतान 1 वर्ष से बकाया होना बताया। खजुरिया बरार निवासी वृद्व महिला वजी पत्नि रतनसिह ने कहा कि नरेगा मे 9 माह पूर्व काम किया जिसका 6 मस्टररोल का भूगतान अब तक नही मिला.

योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा- धरने में आई पाटिया निवासी विधवा शकू पत्नि मीठू सिंह ने बताया कि नरेगा मे खेतो पर मेडबंदी का अपना खेत अपना काम के अंतर्गत 1 वर्ष पूर्व आवेदन किया लेकिन आज तक स्वीकृति नहीं हुआ. खजुरिया बरार निवासी तेजसिह पिता जगासिह ने बताया कि बारिश मे कच्चा मकान गिर गया था जिसकी आर्थिक सहायता हेतु तहसील मे आवेदन दिया था परन्तु आज तक सहायता नही मिली और उन्होंने बताया कि शौचालय बनाकर दस्तावेज ग्राम पंचायत में जमा कराने के 4 माह बाद भी राशि स्वीकृत नही हुई है. वही तरकरेल दपटा बरार निवासी विधवा लीला पत्नि सोहनसिह ने कहा कि एक वर्ष पूर्व विधवा पेंशन का फॉर्म जमा कराया परन्तु आज तक पेंशन स्वीकृत नहीं हुई.

मु तो जीवती हूँ- जन सुनवाई में ठीकरवास से आई नैनूदेवी पत्नी चिम्मन सिंह बताया कि साब मु तो जीवती हूँ आज एक साल से भी अधिक समय हो गया कई बार ग्राम पंचायत और पंचायत समिति में गई लेकिन मेरी पेंशन चालू नहीं की गई है. मैंने जब पूछा तो उन्होंने बताया कि एक साल पहली मुझे सरकारी रिकॉर्ड में मरा हुआ दिखाया गया है. अब में क्या करूँ कि मेरी पेंशन शुरू हो जाये.  
 
मजदूर किसान शक्ति संगठन के कार्यकर्ताओं और इंटर्नस ने लिखी और उन्हें राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज किया जायेगा.

मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य निखिल डे ने जन सुनवाई में लोगों के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि नरेगा का कानून यहाँ के लोगों ने लड़कर लिया है और इसे हम किसी भी प्रकार से मरने नहीं देंगे. ये लड़ाई हम ग्राम पंचायत से लेकर उच्चतम न्यायलय तक लड़ेंगे.

उल्लेखनीय हैं कि कल दिनांक 17 फरवरी को माननीय उच्चतम न्यायलय में नरेगा, राशन और अकाल को लेकर सुनवाई है जिसमें भीम से सम्बन्धीत सभी मामलों को रखा जायेगा.

मजदूर किसान शक्ति संगठन की ओर से नारायण सिंह ने जन सुनवाई और आज के कार्यक्रम के बारे में विस्तृत रुपरेखा रखी.

जन सुनवाई के अंत में मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य शंकर सिंह ने नरेगा मजदूरों के यूनियन बनाये जाने पर जोर दिया और यूनियन के माध्यम से आवेदन किये जाने और किये गए काम की पूरी रेट लिए जाने के संकल्प के साथ जन सुनवाई संपन्न हुई.
जन सुनवाई में राज्य के बाहर के कई लोगों ने भाग लिया जिनमें न्यायिक जवाबदेही एवं सुधार अभियान की समन्वयक शेरिल डिसूजा, बीजीवीएस जयपुर से अनिल, लोक अधिकार नेटवर्क से अनीता सोनी, दिल्ली से रीना मेहता आदि प्रशासन की ओर से अधिशासी अभियंता नरेगा अरुण आमेटा, कार्यक्रम अधिकारी, सहायक अभियंता ने आकर प्रशासन की ओर से बात रखी.

 
निखिल शिनॉय, विनीत, कार्तिक, इश्वर, बालुलाल, लक्ष्मी, मुकेश एवं संगठन के सभी साथी
मजदूर किसान शक्ति संगठन की ओर से
संपर्क करें:- निखिल 7296958363- विनीत 7297832382- मुकेश-9468862200