इंटरव्यू

मुस्लिम युवाओं पर आरोपित आतंकवाद

Date: 
April 10, 2017
Courtesy: 
Newsclick
रिहाई मंच इसी तरह गल्त  तरीकों से फसाये गए लोगों की लड़ाई लड़ता है I



न्यूज़क्लिक और कम्यूनलिस्म कॉम्बैट ने रिहाई मंच से जुड़े राजीव यादव से ख़ास बातचीत की।  राजीव ने देश की राजनीतिक और कानूनी व्यवस्था की कलई खोलते हुए बताया कि किस तरह आतंकवाद का इल्ज़ाम लगाकर मुस्लिम युवाओं को जेल में डाल दिया जाता है या फ़र्ज़ी एनकाउंटर में मार दिया जाता है।  रिहाई मंच इसी तरह गल्त तरीकों से फसाये गए लोगों की लड़ाई लड़ता है।  राजीव ने हाल ही में हुए एक तथाकथित एनकाउंटर का ब्यौरा देते हुए बताया कि मीडिया भी बिना तथ्यों की जांच किये सनसनी फैलाने का काम करता है । 

TRANSCRIPT

तीस्ता सेतलवाड़ :-     नमस्ते... कम्यूनिलिस्म कॉम्बेट की खास मुलाकात में हमारे साथ है राजीव यादव जी। जो रिहाई मंच से जुड़े है एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो उत्तर प्रदेश में 2007-08  में बना।  मासूम लोग, बेगुनाह लोग जो आंतकवाद के  केससीस   में ठहराये जाते थे पकड़े जाते थे उनको लेकर फैक्ट फाईडिंग करना,मुलाकात लेना, इन्वेस्टीगेशन करना, आंदोलन करना ये सब चीज़ें रिहाई मंच ने की है  और रिहाई मंच कोर्ट में भी गया है। राजीव यादव जी बहुत शुक्रिया मुलाकात के लिए आपके काम से तो हम वाकिफ़  है, हम जानते है मगर हाल में जो उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल है उसमें जो आख़री अभी दो तीन हफ्ते पहले जब आख़री वोट पड़ रहे थे, बनारस क्षेत्र और बाकी पुरांचल के क्षेत्र में 8 मार्च को, तो एक ऐसा वाक्य हुआ लखनऊ में उज्जैन ब्लॉस्ट को लेकर, उसके बारे में आप जरा बतायें।

राजीव यादव :-     देखिये क्या था, पूरा इस चुनाव को अगर आप देखें,इस चुनाव में समय-समय पर टेरर  पोलिटिक्स  के जरिये पोलराईजेशन कराने की जरूरत भाजपा ने महसूस किया इंटेलिजेंस एजेंसी ने उसको बख़ूबी निभाया, जैसे संभल में शुरुआत में आयात नाम की उस्मान के लड़के को खोज रही है। उसके बाद आई एस सी की लिस्ट के बाद २७ तारीख़ की जो मोदी की रैली मऊ में होने वाली थी उसमें ठीक ही था ना  उसमें धमाका होना,करने की कोशिश लोग कर रहे है, यो ये पूरा प्रोसेस था। और लास्ट फेस में जब ये क्योंकि भाजपा किसी भी कीमत पर देखना चाहती थी और कि ये इलेक्शन जीतना चाहती थी। और लास्ट तीन दिन जब मोदी जी पूरा बनारस में मार्च कर रहे थे जगह-जगह पर उसके बाद ठीक 7 तारीख़ को,जिस तरीके से बड़ा  लखनऊ में एक घटना होती है सैफुल्ला नाम के  एक व्यक्ति  को  कहा जाता है कि आई एस आई का वो आंतकवादी था उसको जो है एनकाउंटर किया जाता है जबकि अगर दोनों घटनाओं में देखा जाए उज्जैन की घटना पहले इसमें आता है शॉर्ट सर्किट और बाद में आता है उसके नाम पर सैफुल्ला को मारा गया और मैं सयफुल्ला जहाँ कि लखनऊ का रहने वाला है, उसके बारे में मैं बात करना चाहूँगा जरूर कि सैफुल्ला जिस मकान में हाज़ी कॉलोनी में बताया जा रहा है ,पहले तो मीडिया ने कहा गया कि सऊदी अरब  के  बादशाह का वो घर था जबकि वो घर जो है एक बादशाह नाम के आदमी का है जो सऊदी अरब में रहता है एक सवाल इस बात का जो मीडिया में ट्रेल किया गया  दूसरा की सैफुल्ला को  जब एनकाउंटर्स  किया गया तो लगातार मीडिया ट्रेल किया गया कि तीन लोग है,एक लोग को मार दिया गया है, कि और लगभग ४ बजे से ये ख़बरें आने लगी थी, एक लोग को मार दिया गया  दो लोगों को और मारने की फिराक़ में लगी है, लगातार दोनों ओर से गोलीबारी चल रही है,और उसके बाद ठीक रात में साढे  तीन  बजे में  खबर  दी जाती है कि सैफुल्ला नाम के एक आदमी को मारा गया , और कोई इसमें नहीं था इसके बाद दूसरे दिन व्हाटस अप्प  के जरिये एक पुरा जारी किया जाता है कि कुछ पिस्टल्स, कुछ तमाम चीज़े और आई एस आई का  झंडा लाया जाता है, और शाम तक वहाँ पर कहा जाता है कि आई एस आई से जुड़े लोग आंतकवादी ये लोग थे और शाम को और उस दिनभर में मीडिया में ख़बर चलाई जाती है कि तीन खबरें रहती है सोमनाथ मोदी जी पूजा अर्चना  कर रहे है दूसरा की चुनाव चल रहे हैं तीसरा वो आई एस आई का आंतकवादी है और पाँच बजे जैसे ही चुनाव खत्म होता है तो  दलजीत चौधरी बोलते है आई एस आई से कोई लिंक नहीं है अब सवाल इस बात का है कि इसको लेकर जिस बात की घटना को लेकर सच्चाई क्या है इसको लेकर  हमारे प्रेजिडेंट मुहम्मद शोएब साहब सुबह 8 तारीख की सुबह जब वहाँ  पहुँचे मौहल्ले वालों ने  वहाँ  पर बताया, कि जब 2 बजे के तक़रीबन ये वहाँ पर पुलिस जब लगभग-लगभग पहुँच गयी थी और इसके बाद  वहाँ के लोगों ने बताया कि तीन  साढे  तीन बजे के तक़रीबन जो है एक चीख़ की आवाज़ आयी गोलियों के साथ। और लोगों का मानना है कि वो  उसी  समय सैफुल्ला को वहाँ पर मार दिया गया था  ठीक इसके बाद बाद बाद 5, बाद पुलिस वहाँ पर पूरा मीडिया, पुलिस वैन तमाम चीज़ें लग गयी है और एनकाउंटर एक दम  जो  जगह पर कहा जा रहा है कि एनकाउंटर हो रहा है उसके  दस कदम, पाँच कदम तक जनता खड़ी है, वो कमांडो के आगे जनता खड़ी  है और मीडिया पूरी खड़ी है इसके बाद पाँच  साढे  पाँच   बजे के करीब मिर्ची बम फोड़ा जाता है। जनता को हटाने के लिए , अब कहा जाता है कि  मीडिया के जरिये की वो सैफुल्ला आंतकवादी  को जो है वो सरंडर करवाने के लिए हटाया रहा है जबकि जनता कह रही थी कि हम इनको सरंडर करवा देंगे जबकि जनता का ये भी कहना था कि वो  मार दिए गए। ठीक इसके बाद दस  साढे दस बजे  रात  में मंजिल सैनी एस पी आती है और काफी परेशान हालात में रहती है  वो कहती है और बाहर आती है मीडिया से बात करती  है कुछ बोल नहीं पाती है तब तक अंदर से गोली चलने की आवाज़ आती है ,लोग पूछते है कि आखिर  में क्या हुआ कहा कि मूमेंट चल रहा है तो मीडिया पूछती है कि मूमेंट क्या है आखिर में आखिर में  लगातार ये चल रहा है  इतना पास -पास से कमांडो घूम रहे है। ये क्या कोई चल रहा है, इस पूरे प्रोसेस को हम लोगों ने इस तरह से देखा एक तो ये पूरा वहाँ पर जो घटना को लोगों ने बताया एक तो ये है  दूसरा की जो जिस तरह से कहा गया कि वो अंदर से गोली चला रहा था और पुलिस ने उसके ऊपर गोली चलाया वो एक चार से ज्यादा कमरो का फ्लैट है वो उसके अंदर हम  लोगों को जाने नहीं दिया गया लेकिन एक अंदाज़ा उसका लगाया गया और लोगों ने ये भी बताया कि उसके ऊपर जाली रखी है लेकिन ड्रिल किया गया उसे ,उस मकान को  जानबूझ कर कि ड्रिल करके एक बड़े आंतकवादी को जो है निकाला  जा रहा है उसमें से है जो ,इसके बाद फिर इसके बाद कहा जाता है कि ये गोलियों के बाहर किसी दीवार पर कोई निशान नहीं है अंदर - अंदर जाते है अंदर ड्रिल किया गया है और ठीक एक लाइन में से दो छेद दीवार  में किये गए है ऊपर और नीचे ,अगर दो छेद ऊपर और नीचे कर रहे है तो उसको पकड़ने के लिए और गोली मारने  के लिए अगर -अगर कोई भी अगर जानकार जानने का सुरक्षा विशेषज्ञ होगा, कभी भी इस तरह से छेद नहीं किये जाते। तो पूरा जो एनकाउंटर था वो अपने आप इस तरह से सवालों के घेरे में आता है कि उस एनकाउंटर को एक लड़के को पकड़ कर मारा दिया गया ,दूसरा पक्ष आता है जो इससे ज्यादा मीडिया ने खेला , और जो गवर्नमेंट ने खेला ,दूसरे दिन राजनाथ जी ने बोला कि सदन में  बोला कि सरताज़ पर हमें गर्व है हम लोगों ने कहा  कि वो आदमी जिसका साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के साथ पहरवी करने की बात करते है उनके फोटोग्राफ्स हैं आज वो गोडसे के वारिस हैं वो सरताज के पिता पर नहीं गर्व कर सकते है खैर जो सवाल मेन इस बात का है कि उसको फिर मीडिया ने चलाया कि राजनाथ सिंग ने बोला  और बात किया और कहा कि सरताज पर हमें गर्व है में जब उनसे पूछा और इस बात को मीडिया  में आया कि वो कह रहे है उनका बेटा आंतकवादी है उनके बेटे ने उनके दूसरे बेटे खालिद से उनकी बात हुई । मैं जब इसकी तफ़तीश के लिए इनके घर पहुँचा तो मैंने सरताज साहब से पूछा कि सरताज़ साहब कैसे आपको मालूम चला कि आपका बेटा आंतकवादी है, वो सोचे और फिर  बाद में उन्होंने कहा कि मीडिया के द्वारा मालूम चला फिर उन्होंने कहा कि कैसे हमने  कहा कि और किसी ने आपको बताया।  उन्होंने कहा , प्रशासन ने बताया ,मैंने कहा कि आप जाँच चाहते है हमने कहा कि एक लेटर लिखवाना चाहेंगे आप , उन्होंने कहा कि लेटर लिखेंगे लेकिन में बहुत फेस नहीं  कर पाऊँगा ,मीडिया को तो मीडिया मुझे फिर से परेशान कर देगी कि क्यों ऐसा किया ,दूसरा जो सीक्वेंस था कि एक बड़ा मामला था कि डेढ़ घंटे तक सरताज़ सरताज़ साहब के बेटे खालिद से उनके भाई सैफुल्ला से जो बताया जा रहा है, आंतकवादी है उससे बात हुई ,जब मैंने उस बारे में पूछा कि पाँच- साढ़े पाँच बजे एक फ़ोन आया था और उसमें उन्होंने कहा कि एस पी बोल रहा हूँ और आपका भाई अपने कमरे में बंद कर  लिया है ,और वो कह रहा है कि मैं सरंडर  नहीं करूँगा ,वो  शहादत देना चाहता है आप बात कर लीजिये ,हैंड फ्री किया और उन्होंने बेचारे ने बदहवासी में बोले कि बाबू -बाबू तुम सरंडर  कर दो और मैंने पूछा उधर से कोई आवाज़ आयी तो उन्होंने कहा कि कोई आवाज़ नहीं आयी।  

तीस्ता सेतलवाड़ :-     हो सकता है मर भी गया हो ।

राजीव यादव:-     उस समय जब की मारा जा चूका था वो ये देखाने के लिए की फेक  एनकाउंटर मे एनकाउंटर की जो तमाम रेस्पोंसिबिल्लिटस  होती है।

तीस्ता सेतलवाड़ :-     अभी आप यह बताये अभी तो उत्तर प्रदेश में आदित्य नाथ की सरकार है आदित्य नाथ की सरकार एक तरह से आलरेडी एक तरह का आंतक लोगों के खिलाफ़ शुरू हो गया है , गोश्त की दुकानों के ऊपर हमले हो चुके है, और  लव जिहाद के नाम पर रिश्तों के ऊपर भी एक तरह की निगरानी रखी जा रही है आप के काम ऊपर असर होगा क्या ?

राजीव यादव :-     देखिये जो ये पूरा प्रोसेस है लगातार जो ख़ास तौर पर योगी आदित्य नाथ की जो पूरी गतिविधियाँ है वो राज विरोधी है इसको तो मायावती जी भी मानती है मेरे बहुजन  सफ़रनामा में लिखी है अखिलेश यादव भी मानते थे लेकिन इन लोगों ने कुछ नहीं किया हम लोग उस समय भी लगातार कोर्ट से लेकर मूमेंट से लेकर लगातार  इनके ऊपर  फाइट करते रहे ,और लगातार इनके ऊपर सवाल उठाया था ,फिर भी आदित्य नाथ ने कई अपनी प्रेस कांफ्रेंस करके भी बोला कि ये नक्सली है इस्लामी फंडिड है ये इंडिया टी वी और डी डी न्यूज़ में भी बोला तो हमें लगता है कि वो जो उनको करना है नफरत फैलाना है वो नफरत का काम वो बदस्तूर  जारी रखेंगे क्योंकि जिस तरह से एंटी रोमिओ स्क्वाड बनाया है आज अमरोहा में एक गाय ले जा रहे है एक आदमी को मार  दिया गया है लेकिन हमारा काम मोह्ब्बत फैलाना है लोगों से मेल जोल कर रखना है हम इस प्रोसेस को करेंगे और निश्चित रूप से ये प्रोसेस उनके ख़िलाफ़ का प्रोसेस है तो ऐसे में नफरत वाले लोग हमको कितना सह पाते है लेकिन हमको सोसाइटी सहेगी हमको स्वीकार करेगी इतना हमें अपेक्षा है ।        
   
तीस्ता सेतलवाड़ :-     बहुत बहुत धन्यवाद राजीव जी।