इंटरव्यू

सम्मान की लड़ाई में क़ुर्बानी तो देनी ही पड़ेगी - चंद्रशेखर आज़ाद रावण

Date: 
September 15, 2018
15 महीने जेल में काटने के बाद अब रावण रिहा हुए है।  तीस्ता सेतलवाड़ के साथ हुई इस बातचीत से पता चलता है कि आखिर चंद्रशेखर आज़ाद 'रावण' से भाजपा के नेता इतना क्यों डरते है।  रावण यह स्पष्ट कर देते है कि ये सांप्रदायिक सरकार है और आने वाले चुनाव में वे पूरे देश में भाजपा का विरोध करेंगे।  उनकी आवाज़ से पता चलता है कि उनके हौंसले अभी भी बुलंद है - इतनी बुलंद कि योगी सरकार की सलाखें उनके शरीर को तो हानि पहुंचा पाए हैं , लेकिन उनके मनोबल को नहीं।  सुनिए मानवाधिकार रक्षक तीस्ता सेतलवाड़ और बहुजन - दलित - प्रगितिशील जनगण के प्रिय, जुझारू  नेता चंद्रशेखर आज़ाद रावण के बीच यह खास बातचीत।

 
 
 

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15 महीने जेल में काटने के बाद अब रावण रिहा हुए है।  तीस्ता सेतलवाड़ के साथ हुई इस बातचीत से पता चलता है कि आखिर चंद्रशेखर आज़ाद 'रावण' से भाजपा के नेता इतना क्यों डरते है।  रावण यह स्पष्ट कर देते है कि ये सांप्रदायिक सरकार है और आने वाले चुनाव में वे पूरे देश में भाजपा का विरोध करेंगे।  उनकी आवाज़ से पता चलता है कि उनके हौंसले अभी भी बुलंद है - इतनी बुलंद कि योगी सरकार की सलाखें उनके शरीर को तो हानि पहुंचा पाए हैं , लेकिन उनके मनोबल को नहीं।  सुनिए मानवाधिकार रक्षक तीस्ता सेतलवाड़ और बहुजन - दलित - प्रगितिशील जनगण के प्रिय, जुझारू  नेता चंद्रशेखर आज़ाद रावण के बीच यह खास बातचीत।

तीस्ता सेतलवाड़ :  हेल्लो, जय भीम सर! जय भीम!
चंद्रशेखर आज़ाद : जय भीम! जय भीम!

तीस्ता  सेतलवाड़ : आपकी रिहाई के बाद आप क्या कहेंगे सर? ज़रा बताइए..
चंद्रशेखर आज़ाद: देखिये , आज सुप्रीम कोर्ट में में तारीख थी और वहाँ से हमें न्याय मिल जाना था तो सरकार ने घबराके कल रिहाई कर दी और सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ने बता दिया था 3 दिन पहले इंटिमेट कर दिया था टिक नहीं पायेगा वहां और आपको जो है मुंह की खानी पड़ेगी . तो आज ही इन्होनें सोचा कि इससे सहानुभूति भी ले लेते हैं.

तीस्ता  सेतलवाड़ : जी, तो 15 महीने जेल में होने के बाद आपका पहला कदम क्या होगा सर?
चंद्रशेखर आज़ाद:  अभी तो में जो है, मुझे मेरे प्यार करने वाले मेरे साथी हैं, माताएं हैं, बहनें हैं साथ हैं. उनसे मिल रहा हूँ में. वो बहुत ही बड़ी संख्या पे घर मौजूद हैं और सुबह से लगभग तीस से चालीस हज़ार लोगों से मैं मिल चुका हूँ. बहुत लोग हैं.

तीस्ता  सेतलवाड़ :  तो आपकी माताजी, परिवार और साथी ने काफी संघर्ष किया आपके लिए , तो उसके लिए आपका क्या सन्देश है?
चंद्रशेखर आज़ाद:  देखिये , मैं जिस मूवमेंट में हूँ, उसमें तो मैं बलिदान देने के लिए तैयार हूँ. नहीं तो और भी बहुत कुछ झेलना पड़गा आने वाले समय में

तीस्ता  सेतलवाड़ : झेलना पड़ेगा..जी.
चंद्रशेखर आज़ाद: हाँ, यह तो जायज़ है,क्योंकि हम जो संघर्ष कर रहे हैं उसमें कुछ भी हो सकता है, क्योंकि ये मूवमेंट ही ऐसी है. ये तो क्या कहूँ, कुर्बानी की मूवमेंट है और अगर आप सम्मान चाहते हो तो कुछ तो देना पड़ेगा आपको .पहले भी बहुत सारे समाज के सम्मान की लड़ाइयां लड़ी गईं हैं, उसके लिए भी कुर्बानियां देनी पड़ी हैं. जैसे , 2 अप्रैल में 12 लोगों ने दी.

तीस्ता  सेतलवाड़ : जी.
चंद्रशेखर आज़ाद: तो ये उसी का हिस्सा है , तो इसमें तो कुछ नहीं हो सकता.
तीस्ता  सेतलवाड़ : जी..जी.. चंद्रशेखर जी आपके ऐतिहासिक तकरीर थी कि भारत को मुसलामानों से नहीं ब्राह्मणवाद से खतरा है. तो इस बारे में 2019 को देखकर आप क्या कहेंगे?

चंद्रशेखर आज़ाद:  देखिये, मैं प्रयास करूंगा कि पूरे बहुजन मूवमेंट को इकट्ठा करके देश कि सत्ता से जो लोग, जो तानाशाही लोग है ना जो कोई भी नीति कुछ भी हमारे ऊपर थोप रहे हैं, उन्हें सत्ता से बेदखल करने का काम हम करेंगे पहली बार में.
और लोगों को जागरूक करेंगे.

तीस्ता  सेतलवाड़ : अच्छा, तो उत्तर प्रदेश या पूरे देश में?
चंद्रशेखर आज़ाद: पूरे देश में .

तीस्ता  सेतलवाड़ : पूर देश में? जी..  तो अभी जो जेल में 15 महीना थे , तो ज़िन्दगी कैसी काटी आपने? आपने कुछ लिखा?
चंद्रशेखर आज़ाद: हाँ, बहुत कुछ लिखा. बहुत कड़वा अनुभव हुआ. बहुत बार जो है, साँसों को उखड़ते देखा. बहुत बार जो है , खुद को तड़पते देखा. बहुत बार अपनी भावनाओं को खुद समाते हुए देखा. और एक कहानी ये हुई कि मेरे चाचाजी कि डेथ हुई और मुझे दो-तीन दिन बाद पता लगा. ये ऐसा पल था जिसमें मैं उनके साथ शरीक नहीं हुआ. पहली बार ऐसा हुआ. मेरी ताईजी एक्सपायर हुई. ऐसे समय महसूस किया कि अरे यार! क्या कर दिया?
लेकिन क्या करें? मैं जिस मूवमेंट में हूँ, उसमें तो ये रोज़ की बात रहेगी.उसमें कुर्बानियां...  आते-जाते रहेंगे लोग. इन सब चीज़ों को सोचकर मैं पीछे नहीं हट सकता. मैंने ये तय है कि अगर मैं मर भी जाऊं ना तो मूवमेंट जिंदा रहे. इसलिए संगठन बनाया. नहीं तो व्यक्तिगत लड़ाई लड़ता रहता .

तीस्ता  सेतलवाड़ : जी,मतलब आपको हर जगह से काफी समर्थन मिला है. जस्टिस सावंत ने समर्थन दिया. बहुत –बहुत समर्थन दिया. देश में दुनिया में... हर जगह से समर्थन मिला.
चंद्रशेखर आज़ाद : बहुत सारे बुद्धिजीवियों ने, सेक्युलर लोगों ने, सब लोगों ने समर्थन भी किया और बहुत आन्दोलन भी किये. अपनी बात भी रखी. तो उन सब लोगों को मेरी तरफ से बहुत बहुत साधुवाद कि उन्होनें इतना प्यार दिया मुझे. आने वाले समय में हम उनकी जो उम्मीदें हैं, उनपर खरे उतरने का काम करेंगे.

तीस्ता  सेतलवाड़ :  और राजनीतिक विपक्ष से आपको क्या सन्देश देना है?
चंद्रशेखर आज़ाद: नहीं, अभी तो बस यह है कि वो अपनी निजी महत्वाकंषाओं को लेकर गठबंधन में तकरार न करें.. गठबंधन रखें मज़बूत. देखिये, भाजपा अभी बड़ी मज़बूत है. सेंटर की सरकार का जब चुनाव होंगे, तो जो स्टेट में जो बैठी सरकार हैं प्रभावित करेंगी चुनाव को. तो ऐसे में गठबंधन ही ऐसी एक मज़बूत स्थिति है जो भाजपा को उस सत्ता से बेदखल कर सकती है. वो गठबंधन  को मज़बूत करें. महत्वकांक्षा के चलते, कुर्सी के चलते हम लोग के वोट के साथ खिलवाड़ न करें.

तीस्ता  सेतलवाड़ : जी... तो हमारे संगठन कि तरफ से.. सिटिज़न्स फॉर जस्टिस एंड पीस कि तरफ से .. सबरंग कि तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद. आपने बहुत बड़ी कुर्बानी दी चंद्रशेखर जी. आपकी सेहत कि थोड़ी-बहुत फिक्र है हमको. सेहत आपकी कैसी है?
चंद्रशेखर आज़ाद: सेहत को लेकर थोड़ी दिक्कत है. आज कल में चेकअप कराएंगे. टेस्ट- वेस्ट कराएंगे क्या कुछ चल रहा है. बोलने में भी दिक्कत होगी सुबह से बात कर रहे हैं. तकलीफ होगी.

तीस्ता  सेतलवाड़ : हमारे लिए बात करने के लिए हमारे साथ , बहुत –बहुत शुक्रिया चन्द्रशेखर जी!
चंद्रशेखर आज़ाद: मेरी भी बहुत –बहुत मंगलकामनाएं हैं आप लोगों से कि आप लोगों ने इतनी मदद की. कब भी मौका मिलेगा तो मैं प्रयास करूँगा कि मिलकर आपका शुक्रिया अदा करूँ.

तीस्ता  सेतलवाड़ : जी, हम खुद आपको मिलने आयेंगे चंद्रशेखरजी .
चंद्रशेखर आज़ाद: ही, शुक्रिया!


तीस्ता  सेतलवाड़ : जय भीम! जय भीम!