नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 14 राज्यों में 117 सीटों पर वोटिंग जारी है। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, ओडिशा और असम में मतदान हो रहा है। तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश की कुल 10 लोकसभा सीटें शामिल हैं। इस चरण में एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ-साथ आजम खान, जया प्रदा और वरुण गांधी जैसे दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं गुजरात की गांधीनगर सीट से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केरल की वायनाड सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी चुनावी मैदान में हैं।

इस फेज में समाजवादी परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर होने के साथ-साथ अखिलेश यादव के चुनावी कौशल का भी लिटमस टेस्ट है। दस में से नौ सीटों पर गठबंधन से समाजवादी पार्टी (एसपी) लड़ रही है। मुलायम सिंह समेत यादव परिवार के कई बड़े चेहरे इस चरण के रण में ताल ठोक रहे हैं। मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली और पीलीभीत में सीटों पर वोटिंग हो रही है। बीएसपी का सिर्फ आंवला में प्रत्याशी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी तीसरे फेज की 10 सीटों में से सात पर जीती थी।
यूपी में मुकाबला रोचक इसलिए हो गया है क्योंकि यादव-मुस्लिम बहुल इसी सीट से मुलायम के भाई शिवपाल यादव भी अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।
पूर्व मंत्री और यूपी की राजनीति के पहचाने हुए चेहरे शिवपाल यादव की उनकी भतीजे से टक्कर पर राजनीतिक विश्लेषकों की गहरी नजर है। चर्चा है कि इलाके के मुस्लिम वोटर शिवपाल के साथ हैं, यह दावा करते हैं शिवपाल के चुनाव इंचार्ज पप्पू खान। उनका कहना है कि, “अभी हाल ही में अजीम भाई हमारे साथ आए हैं, और उन्हें मुस्लिमों का बड़ा चेहरा माना जाता है। शहर के अंदरूनी हिस्सों में रहने वाले मुसलमानों में उनका अच्छा प्रभाव है।” अजीम भाई 2017 में विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ चुके हैं और उन्हें 60,000 से कुछ ऊपर वोट मिले थे। ऐसे में अजीम भाई के शिवपाल के साथ आने से मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है।
इसके अलावा शिवराज को समाजवादी पार्टी के सिरसागज विधायक हरिओम का भी समर्थन हासिल है। स्थानीय लोग मानते हैं कि शिवपाल यादव को इस लोकसभा क्षेत्र की पांच में से तीन विधानसभा इलाकों सिरसागंज, जसराना और शिकोहाबाद पर जीत हासिल होगी। ऐसे में 23 अप्रैल को होने वाले मतदान में यहां चाचा-भतीजे का मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।

इस फेज में समाजवादी परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर होने के साथ-साथ अखिलेश यादव के चुनावी कौशल का भी लिटमस टेस्ट है। दस में से नौ सीटों पर गठबंधन से समाजवादी पार्टी (एसपी) लड़ रही है। मुलायम सिंह समेत यादव परिवार के कई बड़े चेहरे इस चरण के रण में ताल ठोक रहे हैं। मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली और पीलीभीत में सीटों पर वोटिंग हो रही है। बीएसपी का सिर्फ आंवला में प्रत्याशी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी तीसरे फेज की 10 सीटों में से सात पर जीती थी।
यूपी में मुकाबला रोचक इसलिए हो गया है क्योंकि यादव-मुस्लिम बहुल इसी सीट से मुलायम के भाई शिवपाल यादव भी अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं।
पूर्व मंत्री और यूपी की राजनीति के पहचाने हुए चेहरे शिवपाल यादव की उनकी भतीजे से टक्कर पर राजनीतिक विश्लेषकों की गहरी नजर है। चर्चा है कि इलाके के मुस्लिम वोटर शिवपाल के साथ हैं, यह दावा करते हैं शिवपाल के चुनाव इंचार्ज पप्पू खान। उनका कहना है कि, “अभी हाल ही में अजीम भाई हमारे साथ आए हैं, और उन्हें मुस्लिमों का बड़ा चेहरा माना जाता है। शहर के अंदरूनी हिस्सों में रहने वाले मुसलमानों में उनका अच्छा प्रभाव है।” अजीम भाई 2017 में विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ चुके हैं और उन्हें 60,000 से कुछ ऊपर वोट मिले थे। ऐसे में अजीम भाई के शिवपाल के साथ आने से मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है।
इसके अलावा शिवराज को समाजवादी पार्टी के सिरसागज विधायक हरिओम का भी समर्थन हासिल है। स्थानीय लोग मानते हैं कि शिवपाल यादव को इस लोकसभा क्षेत्र की पांच में से तीन विधानसभा इलाकों सिरसागंज, जसराना और शिकोहाबाद पर जीत हासिल होगी। ऐसे में 23 अप्रैल को होने वाले मतदान में यहां चाचा-भतीजे का मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।