भारत में 10 जनवरी से लागू नागरिकता संशोधन कानून पर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने कहा कि भारत में जो हो रहा है वो दुखद है। नडेला ने इस पर दुख जताते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि कोई बांग्लादेश से आया व्यक्ति भारत में इंफोसिस का CEO बने। BuzzfeedNews के एडिटर-इन-चीफ बेन स्मिथ ने ट्विटर पर लिखा कि भारत में जन्मे नडेला ने एक सवाल में जवाब में ये बातें कही।
गौरतलब है इस समय पूरे देश में एक तरफ़ CAA के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं और इसमें करीब 25 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं दूसरी तरफ़ मोदी सरकार इसके पक्ष में अपने पार्टी के माध्यम से जनजागरण अभियान चला रही है. मोदी सरकार ने लोगों के विरोध से बेपरवाह इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन लागू कर दिया है।
नडेला की ओर से माइक्रोसॉफ्ट इंडिया द्वारा जारी बयान में, कहा गया है कि प्रत्येक देश को अपनी सीमाओं को पारिभाषित करने, राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और आव्रजन नीति निर्धारित करने का अधिकार है। लोकतंत्रों में यह सब जनता और सरकार के बीच बहस से पारिभाषित होता है।
बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ नडेला ने यह बातें मैनहट्टन में एक कार्यक्रम में कहीं। नडेला का यह बयान तब सामने आया है जब नागरिकता कानून को लेकर देश में विपक्षी पार्टियों समेत विभिन्न राज्यों के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन को बॉलीवुड की कुछ हस्तियों का भी समर्थन मिल रहा है। वहीं, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया जैसी यूनिवर्सिटी के छात्र भी बीते एक महीने से भी ज्यादा समय से इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
नागरिकता कानून 2019, 10 जनवरी से पूरे देश में लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। देश में कई जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। इस कानून को लेकर देश के कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं, जिनकी जांच जारी है।
नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन के जरिए केंद्र सरकार ने बदलाव किया है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले छह समुदायों हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। मुस्लिमों को नागरिकता देने के प्रावधान से बाहर रखा गया है।
गौरतलब है इस समय पूरे देश में एक तरफ़ CAA के खिलाफ आंदोलन चल रहे हैं और इसमें करीब 25 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं दूसरी तरफ़ मोदी सरकार इसके पक्ष में अपने पार्टी के माध्यम से जनजागरण अभियान चला रही है. मोदी सरकार ने लोगों के विरोध से बेपरवाह इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन लागू कर दिया है।
नडेला की ओर से माइक्रोसॉफ्ट इंडिया द्वारा जारी बयान में, कहा गया है कि प्रत्येक देश को अपनी सीमाओं को पारिभाषित करने, राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और आव्रजन नीति निर्धारित करने का अधिकार है। लोकतंत्रों में यह सब जनता और सरकार के बीच बहस से पारिभाषित होता है।
बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ नडेला ने यह बातें मैनहट्टन में एक कार्यक्रम में कहीं। नडेला का यह बयान तब सामने आया है जब नागरिकता कानून को लेकर देश में विपक्षी पार्टियों समेत विभिन्न राज्यों के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन को बॉलीवुड की कुछ हस्तियों का भी समर्थन मिल रहा है। वहीं, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया जैसी यूनिवर्सिटी के छात्र भी बीते एक महीने से भी ज्यादा समय से इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
नागरिकता कानून 2019, 10 जनवरी से पूरे देश में लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। देश में कई जगहों पर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। इस कानून को लेकर देश के कई इलाकों में हिंसा की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं, जिनकी जांच जारी है।
नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन के जरिए केंद्र सरकार ने बदलाव किया है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले छह समुदायों हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। मुस्लिमों को नागरिकता देने के प्रावधान से बाहर रखा गया है।