उत्तर प्रदेश में बढ़ता भगवा आतंक और सरकार की विफलता


अब तक पुलिस व भगवा ब्रिगेड द्वारा की गयी ज्यादतियों पर तुरंत कानूनी कार्यवाही हो
महिला समूहों ने भी की मुख्यमंत्री से गुहार, एंटी रोमीओ स्क्वॉड पर लगे लगाम 
 
नई दिल्ली, 12 अप्रैल : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आते ही जिस तरह आरएसएस भाजपा के सहयोगी संगठन व्यक्तिगत तौर व सामूहिक तौर पर संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर हमला कर रहे हैं वो निंदनीय है, खतरनाक है व स्वस्थ लोकतंत्र से हिटलरवाद की ओर देश को धकेलने का प्रयास है। भाजपा ने जिस तरह न्यूनतम नैतिक मूल्यों को, लोकतंत्र को अपमानित करके हाल ही में पिछले चुनावों के बाद मणिपुर और गोवा में सत्ता काबिज की है उससे उनका नैतिक पतन जाहिर होता है।

उत्तर प्रदेश में संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा को लांघते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने जुमलों वाले निर्णय बिना कैबिनेट बैठक के ही ले लिए हैं। किसानों का क़र्ज़ माफ़ी जैसे वादों को बहुत चालाकी से कमजोर किया व दूसरी तरफ सफाई, एंटी रोमियो स्क्वाड जैसे जुमले छोड़े। हिन्दू राष्ट्र के लिए कमर कसकर खड़ी भाजपा ब्रिगेड ने इसे हाथों हाँथ लिया है ताकि सही मुद्दों से ध्यान हटाकर वोटरों को भ्रमित किया जा सके।

एक गंभीर ईमानदार, जनमुद्दों व लोकतंत्र के लिए समर्पित, भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष के कर्तव्यनिष्ठ वकील श्री प्रशांत भूषण के ट्वीट को एक बहाना बनाकर भाजपा ने जन भावनाओं को खूब भड़काया। 

श्री प्रशांत भूषण ने बाद में इस पर माफी मांगी है। किन्तु भगवान श्री कृष्ण जी मात्र इन चंद भगवा ठेकेदारों की जागीर नहीं है। आस्था के प्रतीकों को भाजपा ब्रिगेड हमेशा से अपने राजनैतिक मकसद हासिल करने के लिए इस्तेमाल करती रही है। धार्मिक जनों को वोटों में बदलने के लिए प्रधानमंत्री ने कब्रिस्तान-शमसान जैसे द्वेषपूर्ण वाक्यों का प्रयोग किया है। कभी गाय, कभी लव जिहाद, कभी महिलाओं के कपडे पहनने, कभी खाने, कभी धार्मिक, कभी जातिगत आधार पर लोगों को बांटने में सिद्द्स्थ भाजपा सत्ता पाने के बाद ज्यादा आक्रामक तरीके से विरोध को दबाने पर आमदा है |

सर्व विदित है कि प्रशांत जी ने अम्बानी से लेकर तमाम पूंजीपतियों के व राजनेताओं के घोटाले के खिलाफ तथ्यपूर्ण तरीके से जनता के बीच से लेकर अदालत तक आवाज उठाई, जीत भी हासिल की है। जेलों में भी भेजा है। इसी की परेशानी है कि प्रशांत जी, इस बेबाक बोल के लिए इन काले गठजोड़ वालों के निशाने पर आ गए हैं।

हम सभी किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, परियोजनाओं से विस्थापित, व सत्ता और विकास के पीड़ित ‘आज़ाद लबों’ की वकालत करते है। लोकतंत्र में सही आवाज़ उठाने का अधिकार संविधान ने दिया है। जिस संविधान को बाबा साहेब आम्बेडर जी की अध्यक्षता में बनाया गया है। कुछ भगवा ठेकेदार समाज को हमेशा भ्रमित नहीं कर सकते।

महिला सुरक्षा के नाम पर महिलाओं की ही बेइज्जती करके रोमियो स्क्वाड कौन से कानून का पालन कर रही है व किसको सुरक्षा दे रही है? यह सब तुरंत रुकना चाहिए। उत्तर प्रदेश की नयी सरकार रोज ही राज्य के हिन्दूकरण के संदर्भ में जैसे शिक्षकों को क्या पहने, क्या ना पहने जैसे आदेश ला रही है। अवैध बूचड़खाने बंद करने की बात सही हो सकती है तो सभी अवैध कार्य रुकने चाहिये। किन्तु पुलिस जिस अति उत्साह में आकर कार्यवाही करती नजर आई और उसके साथ भगवा ब्रिगेड ने जो आतंक मचाया है उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते है। एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिये ये खतरनाक है। हम मांग करते हैं कि :-

-    अब तक पुलिस व भगवा ब्रिगेड द्वारा की गयी ज्यादतियों पर कानूनी कार्यवाही हो।
-    महिला सुरक्षा के लिए सम्मानपूर्ण योजना कानूनी रूप अदालतों के देखरेख में हो ना कि निरंकुश पुलिस व भगवा ब्रिगेड इसका कर्ताधर्ता बने।
 
Medha Patkar, Narmada Bachao Andolan (NBA) and National Alliance of People’s Movements (NAPM)
Aruna Roy, Nikhil Dey and Shankar Singh – Mazdoor Kisan Shakti Sangathan (MKSS) and National Campaign for People’s Right to Information and NAPM
P.Chennaiah, Andhra Pradesh Vyavasaya Vruthidarula Union-APVVU and National Centre For Labour and NAPM-AP
Ramakrishnam Raju, United Forum for RTI and NAPM, AP
Meera Sanghamitra, NAPM Telangana-AP
Prafulla Samantara, - Lok Shakti Abhiyan & NAPM, Odisha; 
Lingraj Azad – Samajwadi Jan Parishad - Niyamgiri Suraksha Samiti, NAPM, Odisha; 
Binayak Sen and Kavita Srivastava, People’s Union for Civil Liberties (PUCL)
Sandeep Pandey, Socialist Party and NAPM, Uttar Pradesh
Maj Gen S.G.Vombatkere (Retd), Mysuru, NAPM, Karnataka
Gabriele Dietrich, Penn Urimay Iyakkam, Madurai and NAPM, TN; 
Geetha Ramakrishnan, Unorganised Sector Workers Federation, NAPM, TN; 
Arul Doss, NAPM Tamil Nadu
Arundhati Dhuru, Manesh Gupta - NAPM, UP; 
Richa Singh, Sangatin Kisan Mazdoor Sangathan, NAPM-UP
Vilayodi Venugopal, CR Neelakandan and Prof. Kusumam NAPM, Kerala
Vimal Bhai - Matu Jan Sangathan, NAPM-Uttarakhand & Jabar Singh, NAPM, Uttarakhand; 
Sister Celia - Domestic Workers Union & NAPM, Karnataka; 
Anand Mazgaonkar, Krishnakant - Paryavaran Suraksh Samiti, NAPM Gujarat; 
Kamayani Swami, Ashish Ranjan – Jan Jagran Shakti Sangathan & NAPM Bihar; 
Mahendra Yadav – Kosi Navnirman Manch, NAPM Bihar; 
Sister Dorothy, NAPM Bihar
Dayamani Barla, Aadivasi-Moolnivasi Astivtva Raksha Samiti, NAPM Jharkhand
Dr. Sunilam and Adv. Aradhna Bhargava - Kisan Sangharsh Samiti  NAPM Madhya Pradesh
Bhupender Singh Rawat – Jan Sangharsh Vahini, NAPM, Delhi
Rajendra Ravi, Nanu Prasad, Madhuresh Kumar, Amit Kumar, Himnshi Singh, Uma Kapari, Zaved Mazumder, NAPM, Delhi
Faisal Khan, Khudai Khidmatgar, NAPM Haryana
J S Walia, NAPM Haryana; 
Kailash Meena, NAPM Rajasthan; 
Samar Bagchi, Amitava Mitra, NAPM West Bengal; 
Suniti SR, Suhas Kolhekar, Prasad Bagwe - NAPM, Maharashtra; 
Gautam Bandopadhyay, NAPM, Chhatisgarh
Anjali Bharadwaj, National Campaign for People’s Right to Information and NAPM
Kaladas Dahariya, RELAA, Chhatisgarh
Bilal Khan, Ghar Bachao Ghar Banao Andolan, Mumbai,