"विश्वविद्यालय के छात्रवासों में गुंडे रहते हैं" ऋचा सिंह ने कैबिनेट मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जी के बयान का खंडन किया

आज दिनांक 29 मई को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने तमाम छात्रों के साथ मीटिंग कर उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जी के बयान  "विश्वविद्यालय के छात्रवासों में गुंडे रहते  हैं" इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा की माननीय मंत्री जी को शायद पता नहीं है की छात्रावासों में अधिकांश वैध छात्र रहते हैं, अवैध छात्रों को बाहर किये जाने के पक्ष में हम भी हैं, पर अंतःवासियों को गुंडा कहा जाना उनकी नासमझी का प्रतीक है,और यह भी दर्शाता है कि उन्हें आई ए एस, पी सी एस की फैक्ट्री कहे जाने वाले विश्विद्यालय के बारे उनकी कोई जानकारी नहीं है।हम उनके इस बयान की सार्वजानिक रूप से निंदा करते हैं, और छात्रों एवं युवाओं जिन्होंने उनपर भरोसा कर उन्हें इलाहाबाद का जन प्रतिनिधि चुना है, उनकी भावनाओं का ध्यान रखते अपने इस बयान को वापस लेना चाहिए। 
 
कल हुई घटना में जिस तरह से सावर्जनिक क्षति के साथ छात्रों के ऊपर पुलिस के द्वारा बर्बरता व्यवहार किया गया यह न सिर्फ अत्यन्त निंदनीय बल्कि यह माननीय उच्च न्यायलय के फैसले की अवेहलना भी है, छात्रों की परीक्षाओं के चलते 20 मई की बाद छात्रवासों को खाली कराने की फैसला दिया गया है। परंतु माननीय उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद कल पुलिस के द्वारा जिस तरह से छात्रावासों में घुसकर छात्रों के ऊपर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया, उनके सामानों के साथ तोड़ फोड़ की गयी और वो छात्र जिनकी परीक्षाएं चल रही हैं, जो विश्वविद्यालय के वैध छात्र हैं उनकी गिरफ्तारी की गयी बाकी छात्रों को छात्रावास से बाहर कर दिया गया जिसके परिणामस्वरूप बहुत से छात्रों को रेलवे स्टेशन ,बस स्टेंड पर रात गुज़ारनी पड़ी जबकि सुबह उनकी  परीक्षा थी। हम जिला प्रशासन के इस कृत्य की निंदा करते हैं। 
 
विश्वविद्यालय के कुलपति जिनकी संवादहीनता के चलते एक शांति पूर्ण गांधीवादी आंदोलन हिंसा में बदल गया इसके ज़िम्मेदार पूरी तरह कुलपति महोदय हैं।
 
हमारी मांग है मानव संसाधन विकास मंत्रालय से की वह तत्काल इलाहाबाद विश्वविद्यालय की बिगड़ती हुई स्थिति को देखते हुए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करें और भरष्टाचार में लिप्त कुलपति की CBI जांच करे। छात्रसंघ अध्यक्ष , उपाध्यक्ष समेत सभी छात्रों को रिहा किया जाये और मुकदमों को वापस लिया जाये।
 
अन्यथा  हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे।
 
बैठक में, विकास सिंह, धर्मेंद्र शुक्ल, अभिषेक यादव, प्रांजल तिवारी, सौरभ गुप्ता, बंटी, अर्चना , मनु आदि लोग मौजूद रहे।
 
धन्यवाद
ऋचा सिंह
पूर्व अध्यक्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय