कुछ कलाकार सदी के नायक और महानायक होते हैं, कुछ इंटरटेनमेंट करने वाले होते हैं और ऐसे तमाम कलाकार जन और ज़मीन से इतने ऊपर उठ गए होते हैं कि वो सिर्फ़ अपने किरदार में भाते हैं। ऐसे कलाकार इन्सान कम ब्राण्ड-एम्बेसडर ज़्यादा लगते हैं। उनके फ्लोवर बहुत होते हैं जो उनकी हर रुचि और स्टाइल की जानकारी रखते हैं। वो ऐसे दीवाने होते हैं कि अपने पसंदीदा एक्टर के अपराध को भी नजरअंदाज कर देते। यह अलग बात कि हम जैसे थोड़े से लोग उनसे कोई जुड़ाव नहीं बना पाते।
हम साधारण इन्सान जैसे दिखने और बोलने और अपने विचार को लेकर जोखिम उठाने वाले कलाकार से एक अलग लगाव महसूस करते हैं और मुश्किल यह कि कलाकारों की दुनिया में ऐसे चेहरे और नाम लगातार कम होते जा रहे हैं। ऐसे ही कलाकार रहे ओमपुरी जो सचमुच झोपड़पट्टी से निकले कलाकार थे और अंत अंत तक अपने विचार के लिए मुसीबत मोल लेते रहे। लगता ही नहीं कि वो अब नहीं रहे। अपने अप्रतिम कलाकार की स्मृति को नमन!
हम साधारण इन्सान जैसे दिखने और बोलने और अपने विचार को लेकर जोखिम उठाने वाले कलाकार से एक अलग लगाव महसूस करते हैं और मुश्किल यह कि कलाकारों की दुनिया में ऐसे चेहरे और नाम लगातार कम होते जा रहे हैं। ऐसे ही कलाकार रहे ओमपुरी जो सचमुच झोपड़पट्टी से निकले कलाकार थे और अंत अंत तक अपने विचार के लिए मुसीबत मोल लेते रहे। लगता ही नहीं कि वो अब नहीं रहे। अपने अप्रतिम कलाकार की स्मृति को नमन!
Gouri Nath
(From a Facebook Post)