कल रात बडवानी तहसील के बगूद, छोटा बडदा, पिपरी गावों में युवाओं के नेतृत्व में गावासीयों ने मषाल जुलुस निकला। मनावर तहसील में एकलबारा, सेमल्दा गांव में भी सैकडों में जुटे युवा बुजुर्गो ने मषाले जलाकर षासन के अघोरी कृत्यों से फैले अंधेरेे में प्रकाष लाया। कुक्षी तहसील में कडमाल, खापरखेडा, बाजरीखेडा, गेहलगांव में भी जली मषाले।
धार कलेक्टर निसरपुर, खापरखेडा में।
घाटी की जनता आक्रोष तथा ष्षासन के अमानवीय हिंसक रूप से लोगों के खेत खलिहान और घरद्वार एवम् नदी तक से हटाने का विरोध देखकर धार जिलाधीष ने आज कुछ गावों का दौरा किया।
निसरपुर के बडे गाव में करीबन् 2000 लोगों से रूभरू हुए कलेक्टर के समक्ष कुछ नुमाइदो ने बाते रखी। निसरपुर लोगों का पुनर्वास आधा अधूरा होने की बात, घर-प्लाॅट आबंटन में धांधली सुविधाएं नहीं, कई मकानों का सर्वेक्षण बाकी इत्यादि मुददों पर जोर देते हुए प्रदीप पाटीदार व अन्यों ने कहां कि बचे हुए 2 महिनों में न पुनर्वास स्थल तैयार हो सकते है न हि गाव खाली हो सकते है।
कोठडा के उपेन्द्र कुमावत ने स्पष्ट रूप से कहा कि बांध गेट बंद करना अन्याय होगा हमारे अधिकार उसके पहले पूर्ण रूप से देना, शासन का कर्तव्य है।
खापरखेडा के देवराम भाई ने भी तथा चिखल्दा के भागीरथ धनगर ने कानूनी दायरा व वास्तव बताते हुए षासन के झूठे आंकडों की पालेखोल की। सर्वोच्च अदालत के फैसले के अनुसार 31/7/2017 तक हमें गांव खाली करने ही होगे इस कलेक्टर के दावे पर आक्रोष उमड पडा। अदालत के फैसले में सम्मिलित अन्य आदेषित कार्य न करते हुए हम आपको बल प्रयोग करने नहीं देंगे, यह निर्धार लोगों ने व्यक्तव किया।
आज रात अन्य गावों में भी मषाल जुलुस होगा। नर्मदा घाटी के गावों के साथ युध्द ही खेलना चाहती है षासन, तो क्या युध्द भी खेलने की तैयारी अहिंसक आंदोलन को करनी होगी? यही सवाल युवा पूछ रहे है।
अब कर रही है शासन ग्राम सर्वेक्षण:- विस्थापितों को किये सवाल