नर्मदा घाटी में..... रैली फॉर द वैली की तैयारी जोरशोर से शुरू


प्रेस नोट/ अपडेट
दिनाक: 4 जून 2017

 
नर्मदा घाटी में.....
 
रैली फॉर द वैली की तैयारी जोरशोर से शुरू
 
नर्मदा घाटी में देशभर के समर्थक, जो घाटी को हिंसा, विनाश और बिना पुनर्वास विस्थापन से बचाना चाहते है, वे आने का समय हो गया है। ये ऐसे लोग है जो वैकल्पिक विकास की अवधारणा, पर्यावरणीय हानि, सामाजिक असर को जानते हैं और विनाशकारी विस्थापन के खिलाफ न्यायपूर्ण विकास के लिए जनसंघर्षो का साथ देते हैं। 
 
आज म0प्र0 और केन्द्र शासन मिलकर कैसे लोग, गांव और नदी तथा प्रकृति पर आक्रमण करने जा रही है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन कितना हुआ है और क्या आज 192 गांव, 1 नगर में बसे करीबन 40000 परिवार या शासन के अनुसार 141 गांव और 18000 परिवार जबरन उजाडे जाएंगे या जबरन डूबाये जायेगे? क्या इन गांवों में आज की स्थिति पानी भर सकते है? क्या भ्रष्टाचार आज भी जारी है? क्या सबका पुनर्वास हो चुका है? क्या पुनर्वास स्थल तैयार है? शासन के दावे और आकडे कितने सच, कितने झूठ, यह देखने समझने आ रहे है देशभर के लोग। 
 
इस रैली में शामिल है कई सारे जानकार व संवैदनशील साथी। ओडिसा से आ रहे हैं अभी अभी गोल्डमेन पुरस्कार प्राप्त किये प्रफुल्ल सामंतरा, महाराष्ट्र के जाने माने पर्यावरण शास्त्री सौम्या दत्ता, गुजरात के दलित आंदोलनकारी नेता जिग्नेश मेवाणी, किसान संघर्ष समिति के डा. सुनिलम, आराधना भार्गव, राजस्थान से मानव अधिकारवादी कविता श्रीवास्तव व जनआंदोलनकारी कैलाश मीणाजी, अन्य साथी, अखिल भारतीय किसान सभा के नेतागण बादल सरोज, जसविंदरसिंह, व रामनारायण कुरेरिया, गुजरात के ही राजकोट, अहमदाबाद, आदि जगहों से पधार रहें कार्यकर्ता कृषि संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ता, राष्ट्रीय महाराष्ट्र के संगठनों से प्रमुख कार्यकर्ता, विविध परियोजनाओं के विस्थापित, कई युवा विद्यार्थी व शोधकर्ता आदि।
 
यह संघर्ष या तो चोटी पर पहुचायेगा या तो डूबा दिया जायेगा। अपने ही त्यागी नागरियों के सामने शाासन हिंसा अपनायेगी यह भी सवाल हैं। इस मोड पर मोदी सरकार का अजनतांत्रिक व्यवहार और शिवराजसिंह जी की संवादहीनता वह देखेगे, परखेगे। वे जानना चाहेंगे, बहुप्रचारित नर्मदा सेवा यात्रा का क्या है फलित? 
 
रैली में शामिल होने वाले साथी, 15 राज्यों से पधार रहे है। और इनमें किसान, मजदूर, मछुआरों के राष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के अलावा कुछ पत्रकार, माध्यमकर्ता भी शामिल रहेंगे। यात्रा के लिए गांव गांव के आज संकट की चुनौती लेने वाले लोग तैयारी में लगे हुए है, जिनमें विविध व्यवसायों में शामिल भूमीहीन, दलित, आदिवासी और किसान भी शामिल है। 
 
खलघाट, धरमपुरी, व सेमल्दा मे तथा छोटा बडदा, पिपरी में यात्री लोगो से मिलेगे। आमसभाओं को संबोधित करेगे। पर्यावरण दिवस पर इस यात्रा की शुरूआत हो रही है क्योंकि सरदार सरोवर में नर्मदा घाटी की पर्यावरणीय परिवेश, प्राकृतिक व्यवस्था खत्म होने जा रही है। और पर्यावरणीय संतुलन एवं निरंतरता और सामाजिक न्याय के साथ ही विकास होना चाहिए, यह नर्मदा घाटी के 32 सालों से संघर्षरत आंदोलनकारी जनता की भूमिका रही है। 
 
दिनांक 06 जून को राजघाट, चिखल्दा, खापरखेडा, कडमाल से गुजरते निसरपुर, (कुक्षी, धार) में बडी आमसभा को संबोधित करेंगे देशभर के गणमान्य साथी। और 7 तारीख के रोज महाराष्ट्र व गुजरात की स्थिति आजमायेंगे। 
 
 
 
भागीरथ धनगर हिमशी सिंह राहुल यादव बालाराम यादव
 
श्याम केवट सुखदेव पाटीदार रणवीर तोमर लोकेश भाई
 
 
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