मनोहर लाल खट्टर “जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो कौन बचाए”

स्वराज अभियान प्रेस विज्ञप्ति

18 सितम्बर, 2016

स्वराज अभियान हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा मेवात के डींगरहेडी गाँव में दोहरे हत्याकांड, दो बहनों से गैंगरेप और बिरयानी में गोमांस के आरोपों में पुलिस की छापेमारी जैसी घटनाओं को बिलकुल ना मुराद और छोटे मुद्दे बताने की निंदा करता है | मुख्यमंत्री का कहना कि मैं ऐसे छोटे मुद्दों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता, मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने के लिए नैतिक अधिकार को समाप्त कर देता है |

स्वराज अभियान जनता से अपील करता है कि हरियाणा में शान्ति खराब करने वाले मुख्यमंत्री के ब्यान के खिलाफ अपनी आवाज उठायें | मुख्यमंत्री याद रखें कि लोकतंत्र में लोक  की ताकत बड़े से बड़े तंत्र को हिला सकती है |

मुख्यमंत्री का उक्त ब्यान डींगरहेडी गाँव की घटना व बिरयानी में गोमांस के आरोपों में पुलिस की छापेमारी जैसी घटनाओं के सुनियोजित होने व सरकार की जान बूझ कर बरती गई ढील व मिलीभगत को साबित करता है | मनोहर लाल खट्टर का ब्यान चिंता को बढाता है व उस कहावत की याद दिलाता है कि “जब बाढ़ ही खेत को खाने लगे तो कौन बचाए” | मुख्यमंत्री का यह ब्यान राज्य में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने व विभिन्न समुदायों को आपस में लड़वाने के इरादे की तरफ साफ़ संकेत करता है

फरवरी में हरियाणा जल रहा था, तब भी मुख्यमंत्री ध्यान नहीं दे रहे थे, यह तथ्य मुख्यमंत्री के ताजा ब्यान को प्रमाणिक बनाता है कि वे कानून व्यवस्था के मुद्दों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं | इसका इशारा हरियाणा सरकार द्वारा गठित प्रकाश कमेटी की रिपोर्ट में भी मिलता है | मगर हरियाणा को ऐसे मुख्यमंत्री की जरूरत नहीं है |

बिरयानी में गोमांस के आरोपों में पुलिस की छापेमारी जैसी घटनाओं पर मुख्यमंत्री की लम्बी चुपी के बाद यह शर्मनाक ब्यान व डींगरहेडी गाँव में दोहरे हत्याकांड, दो बहनों से गैंगरेप की घटना को बेमुराद बताना व ध्यान न देने की डींग हांकना या तो उनके संवेदनहीन होने को जाहिर करता है या फिर मेवात वासियों के साथ जानबूझ कर अन्याय होने देने का सबूत पेश करता है | मेवात क्षेत्र में बिरयानी में गौमांस की खोज के लिए अभियान चलाने की भोंडी चाल मुख्यमंत्री व सरकार द्वारा सम्प्रदाय के आधार पर भेदभाव को जाहिर कर चुका है | अब यह ब्यान बेशर्मी की हदों को पार कर साम्प्रदायिक धुर्विकरण करने की लगातार हो रही कोशिशों को ही सामने लाया है |

स्वराज अभियान ने पहले ही कहा था कि डींगरहेडी गाँव में आपराधिक कृत्य को अंजाम देने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने केस को कमजोर करने का काम किया है व आगे भी पुलिस ऐसा करेगी इसकी शंका के वाजिब कारण है। यह भी कहा था कि  इस आपराधिक घटना के पीछे दंगे भड़काने की मंशा व बड़े संगठन का हाथ होने की सम्भावना है। डींगरहेडी की दर्दनाक अपराधिक घटना हरियाणा सरकार व राज्य में कानून व्यवस्था के असफल होने का साफ़ सबूत है। जब किसी के घर
में घुस कर कुछ लोग दोहरी हत्या व बलात्कार जैसे अपराध को तीन घंटे तक बेख़ौफ़ होकर अंजाम देते हैं, तो साबित होता है कि राज्य में अपराधी किस कदर बेख़ौफ़ हैं। जो इस अपराधिक घटना के पीछे बड़ी साजिश की ओर साफ इशारा
करता है।

मुख्यमंत्री के इस ब्यान से स्वराज अभियान की शंका सच साबित हुई है | यह ब्यान बताता है कि डींगरहेडी की घटना व बिरयानी में गौमांस की खोज के लिए अभियान को मुख्यमंत्री की इस समझ से ताकत मिल रही थी, तभी तो अपराधी बेख़ौफ़ थे | जो बड़ी साजिश के सूत्रों को जग जाहिर कर देता है |

इन परिस्थियों में स्वराज अभियान हरियाणा मुख्यमंत्री से मांग करता है कि वे अपना ब्यान वापिस लें व क्षमा याचना करें व उक्त घटनाओं की गंभीरता व दूरगामी परिणामों को समझते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें नहीं तो जनता यह  समझाने को बाध्य होगी कि इन घटनाओं के पीछे दंगे भड़काने की नियत थी जिसे मुख्यमंत्री कि तरफ से छूट दी गई थी ?

स्वराज अभियान मांग करता है कि सरकार डींगरहेडी मामले के पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे वहीँ बिरयानी में गौमांस की खोज के लिए अभियान चलाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये |

राजीव गोदारा

प्रवक्ता (स्वराज अभियान, हरियाणा)