12 जून की रात महिला छात्रावास में हुई बमबारी की घटना को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष एवं अन्य छात्रायें कुलपति से मिलकर इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम की मांग को रखना चाहती थी। परंतु कुलपति ने मिलने से इनकार करते हुए पुलिस को बुलवाने की धमकी दी।
प्रधानमंत्री को महिला सुरक्षा को लिखी गयी खुली चिठ्ठी का परिणाम यह था की अगली रात ही महिला छात्रवास पर बमबाजी की गयी जबकि प्रधानमंत्री जी उपस्थिति के लेकर पूरे शहर में पुख्ता इंतज़ाम किये गए थे।
विश्वविद्यालय प्रशासन की छात्राओं की असुरक्षा के प्रति असंवेदनशीलता और घटनाओं के प्रति मौन सहमति को इसी बात से समझा जा सकता है की बमबाजी की घटना के 38 घंटे बाद भी पुलिस में FIR नहीं दर्ज करवाई गयी है जबकि कुलपति मिलने के लिए जाने वाले छात्रों या छोटी से बात पर तत्काल FIR दर्ज करवाते हैं। आज पुनः छात्रसंघ अध्यक्ष ने MHRD, महिला एवं बल मंत्रालय तथा महिला आयोग को चिठ्ठी लिख घटना की जानकारी देकर करवाई की मांग की है।
साथ ही कुलपति के न मिलने से नाराज़ छात्राओं ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम तत्काल न किये गए तो उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।