हे वसुन्धरा, ये कैसा अन्याय है?

राजस्थान के जनसंगठनों का संयुक्त ज्ञापन
 
गांधी सर्किल, जयपुर
दिनांक : 13 नवम्बर 2017
श्रीमती वसुंधरा राजे, 
राजस्थान सरकार।
 
विषय  :
1. कामा पहाडी, भरतपुर के उमर मोहम्मद के हत्यारों-तथाकथित गौरक्ष व पुलिस की तुरन्त गिरफ्तारी।
2. फर्जी गौतस्करी की एफ.आई.आर. को तुरन्त बंद किया जाये।
3. राजस्थान में मुसलमानों की तथाकथित गौरक्षकों से सुरक्षा की योजना जनता के बीच रखी जाये। साथ ही अलवर व भरतपुर के मेवात इलाके में रहने वाले मेवों के लिए विशेष सुरक्षा योजना बताई जाये। 
 
महोदया,
 
दिनांक 12 नवम्बर 2017 को जब आप अलवर में उपचुनावों के लिए अपनी पार्टी के लिए अभियान चला रही थी तब भरतपुर के उमर मोहम्मद की रामगढ थाने की पुलिस व तथाकथित गौरक्षकों द्वारा दिनांक 10 नवम्बर को बर्बर हत्या का मसला सामने आया। 
 
जैसा कि आपको पता है कि उमर पहाडी कामा के घाट मटिका गांव, भरतपुर जिला के एक गौपालक व किसान थे। 10 नवम्बर 2017 को जब वह रामगढ से अपने साथीयों के साथ कुछ गाय लेकर वापस गांव लौट रहे थे तो गोविन्दगढ के पास तथाकथित गौरक्षकों ने पट्टा डालकर टायर को पंचर कर उन पर हमला किया। हमारा मानना है कि रामगढ़ पुलिस का पूर्णरूप से शामिल थी। इन दोनों तरह के अपराधियों ने मिलकर उमर की हत्या की और फिर उसके शरिर को रेल्वे लाईन पर पटक दिया, जिससे कि साक्ष्य पूर्णरूप से मिट गये। उसके शरीर की हालत दिखलाती हैं कि किस बर्बरता तक उतर सकते है पुलिस व तथाकथित गौरक्षक। ट्रैन के उसके शरीर पर से निकल जाने पर भी उमर के शरीर में मारी गई गोलियों के निशान छाती व कंधे से मिटे नहीं। ताहिर जो पूरे मसले में गवाह हैं, इस वक्त हरियाणा के अस्पताल में इलाज करवा रहा है। उमर की हत्या आपकी सरकार की एक बडी असफलता है। गौपालक मुसलमानों को तथाकथित गौरक्षकों से बचाने का आपकी कोई मंशा नहीं हैं। अनुच्छेद 21 में दिये गये जीने के अधिकार के साथ खिलवाड हैं। याद किजियें पिछले 2 वर्षों में गाय के नाम पर 4 तो हत्याऐं हो चूकी हैं और अनेको हमले हो चूके -
 
  • 30 मई 2015 को बिरलोका गांव, डिडवाना-नागौर के अब्दुल गफार कुरेशी की हत्या हुई।
  • 1 अप्रैल 2017 को हरियाणा मेवात के पहलू खान की बहरोड़ थाना इलाके, अलवर जिले में हत्या हुई।
  • 16 जून 2017 को जफर खान की हत्या प्रतापगढ में स्वच्छ भारत अभियान के तहत हुई।
  • 12 सितम्बर 2017 को भगताराम मीणा, नीम का थाना, सीकर जिले में हत्या हुई। 
महोदया,
 
आप बताये क्या इस खूनी पागलपन को रोकने को लेकर आपने कोई योजना बनाई है? गौरक्षकों ने अब खून चख लिया है और पुलिस व प्रशासन का पूरा सहयोग है, जैसे पहलू खान के नामजद हत्यारों को जांच के बाहर कर दिया और जफर खान के हत्यारे मुक्त घूम रहे है। यह हत्याऐं बढ ही रही है। इस संदर्भ में हमारी कुछ मांगे हैं ः-
  • स्वतंत्र एजेन्सी, जैसे सी.बी.आई. या एस.आई.टी. के जरिये उमर मोहम्मद की हत्या की जांच की जायें।
  • सिर्फ और सिर्फ रामगढ़ की पुलिस व तथाकथित गौरक्षकों की गिरफ्तारी तुरन्त की जाऐं।
  • 25 लाख रूपये, जमीन, एक सरकारी नौकरी उमर मोहम्मद के परिवार को मुआवजे के रूप में दी जाए। ताहिर को तुरन्त सुरक्षा व 10 लाख रूपये दिये जायें। 
  • गौतस्करी के झूठे मसले को झूठी एफ.आई.आर. को वापस लिया जाये।
  • रामगंढ एस.एच.ओ. को उनकी डयूटी से बर्खास्त किया जाये। 
  • एस.पी. अलवर को निलम्बित किया जाये। क्योंकि उन्होंने इस तरह की हत्या को होने दिया और 2 दिन तक उमर मोहम्मद की लाश को रिकवर नहीं किया। 
  • गृहमंत्री पूरे राजस्थान में मुसलमानों की हिफाजत व अलवर व भतरपुर जिले में गौपाल मेवो की सुरक्षा की योजना जनता के समक्ष रखे। 
महोदया, हमारी गुजारिश है कि अब गाय के नाम पर और हत्याऐं तुरन्त रोकी जाएं व जो तथाकथित गौरक्षकों को आपकी सरकार व पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जा रही है उसे तुरन्त बन्द किया जायें। उपरोक्त दिये गये हमलों में उमर मोहम्मद के साथ इंसाफ किया जाये। 
 
 
हम हैं -
 
कविता श्रीवास्तव (अध्यक्षा, पी.यू.सी.एल. राजस्थान), अनन्त भटनागर (महासचिव, पी.यू.सी.एल. राजस्थान), निखिल डे (मजदूर किसान शक्ति संगठन), मौलाना हनिफ (उपाध्यक्ष, पी.यू.सी.एल.), नूर मोहम्मद (सचिव, अलवर इकाई, पी.यू.सी.एल.), सुमित्रा चैपड़ा (एडवा), निशा सिद्धू (एन.एफ.आई.डब्ल्यू.), मुकेश निर्वासित (आर.टी.आई. मंच), बसंत हरियाणा (नागरिक मंच), कोमल श्रीवास्तव (भारत ज्ञान विज्ञान समिति), राशिद हुसैन (वेलफेयर पार्टी), भँवर मेघवंशी (पी.यू.सी.एल.), मोहम्मद इकबाल (जमायते इस्लामी हिन्द), हरकेश बुगालिया (निर्माण मजदूर यूनियन), पप्पू (पी.यू.सी.एल.), एवं अन्य ।