गौपालक पेहलू खान की गौ गुण्डो (कथित रक्षक) द्वारा हत्या के 1 माह पर राज्य व देशव्यापी न्याय की मांग को लेकर विभिन्न संगठन व दलों द्वारा प्रदर्शन व ज्ञापन

दिनांक : 3.5.2017
श्रीमति वसुंधरा राजे,
मुख्यमंत्री,
राजस्थान सरकार,
जयपुर। 
 
विषय : गाय के बहाने मारे गये पेहलू खान घायल अजमद खान अन्य को न्याय मिले प्रदेश  में संविधान कानून लागू हो।
 
महोदया,
 
यह ज्ञापन हम आपको चैथी बार पेश कर रहे है सबसे पहले 6 अप्रेल को लिखा था, उसके बाद हमने आपको 10 अप्रेल को गांधी सर्किल पर प्रदर्शन किया था। 17 अप्रेल को जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना दिया और इस बार आपके कार्यालय में स्वंय अपने हाथो से जाकर दिया। फिर भी आपकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद दिनांक 24 से 26 अप्रैल 2017 तक विधानसभा के बाहर धरना दिया। आपने 25 अप्रैल को चुप्पी तोडी और मिडिया के जरिये मालुम पडा कि आपने जांच जारी होने का हवाला दिया और कहा कि इस तरह की घटनाऐं नहीं सहेंगे। 
 
धरने में पेहलु खान के 3 बेटे, उनके चाचा, घायल अजमद खान के भाई, घायल रफिक के जीजा व अन्य सदस्य, गौ गुण्डो से लम्बे समय पीडि़त राजसमंद के बंजारे, गैर बी.जे.पी. राजनैतिक दलों के नेता, देशभर से आये जन संगठनों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधी, लेखक, छात्र, किसान इत्यादि सभी ने धरना दिया था। उम्मीद थी कि आप हमें नहीं तो पीडित परिवारों के सदस्यों से तो मिलेंगी, लेकिन आपने वह भी उचित नहीं समझा।
 
आज जब पेहलू खान की हत्या  को एक माह पूरे होने चूका है। एक माह में एक भी आपके मंत्री या संत्री पीडित परिवारों से मिलने नहीं गये है और जब आपकी सरकार के गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया लगातार गौपालक पेहलू खान व अन्य घायल गौपालकों को गौ तस्कर की मोहर ही लगा देना चाह रहे हैं, इस निन्दनीय वक्तव्य को आपको पुरजोर रूप से आपको विरोध करना चाहिए, लेकिन मिलना तो दूर आपने इसका भी विरोध नहीं किया। 

आज हम 3 मई 2017 को पुनः प्रदर्शन कर आपसे न्याय की उम्मीद में आये हैं। हम आपको पुनः याद दिलाना चाहते है कि पेहलू खान को किस बर्बर तरिके से पुलिस की नाक के नीचे मारा गया। याद करे कि 1 अप्रैल 2017 को 55 वर्षीय गौपालक पहलू खान पुत्र मोहमड़ा और साथ ही अजमल खान पुत्र सुलेमान खान 2 गाय, 3 बछड़े के साथ रामगढ़ हटवाड़ा से गाय खरीद कर जयपुर नगर निगम से 700 रूपये में रवन्ना करवा कर अपने गांव जयसिंहपुर, नूह तहसील, मेवात जिला, हरियाणा हाइवे एन. एच. 8 से टाटा पिकअप में जा रहे थे। उनके पीछे के ट्रक में उनके पुत्र इरशाद व आरिफ एवं साथ में रफीक पुत्र महतु 6 गाय व बछड़ों को लेकर जा रहे थे। शनिवार शाम 6ः30 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहरोड़ और अलवर के बीच लगभग 200 तथाकथित गौरक्षक जिनका नेतृत्व हुकुमचन्द, जगमल, ओमप्रकाश, सुधीर, राहुल सैनी, नवीन सैनी, इत्यादि कर रहे थे ने पशु ले जा रही उक्त दोनों गाडि़यों पर हमला किया, उनकी न केवल गाडी़ तोड़ी गयी बल्कि उन्हें घसीट कर गाडि़यों से निकाल लाठियों और पत्थरों से मारा गया। पांचों लोगों के पर्स और मोबाइल फोन भी लूट लिये गये। इरशाद के पास 75000 रूपयें व अन्य के पास 45000 रूपयें थे। बहुत ही अफसोस की बात है कि यह सारी कार्यवाही राष्ट्रीय राजमार्ग की गस्त व होमगार्ड की मौजुदगी में हुई। पुलिस तब हरकत में आई जब पहलु खां बेहोश होकर गिर पड़ा।

बुरी तरह घायल पहलू खान, इरशाद खान, आरिफ व रफीक खान, अज़मत खान को केन्द्रिय सांस्कृतिक मंत्री डा० महेश द्वारा स्थापित व बहरोड़ स्थित ”कैलाश अस्पताल“ में भर्ती करवाया गया। 4 दिन तक घायलों की पुलिस व प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली, और ना ही गौरक्षकों रूपी कातिलों व हत्यारों को पकड़ने की कोई कोशिश  की गई। बल्कि 2 एफ.आई.आर. इन पांचों घायलों के विरूद्ध दर्ज की गई जिसमें यह लिखा गया है कि इनके पास पशु खरीदने की कोई रसीद या अन्य दस्तावेज नहीं थे। जबकि पहलुखां के परिवार ने पुलिस को गायें खरीद की 45000 रूपयें की रसीद दी साथ ही जयपुर नगर निगम (सिरियल नं० 89942 दिनांक 01 अप्रैल 2017) की सील वाली एक रसीद भी दी। एक प्रतिनिधमंडल के सामने अलवर जिलाधीश ने भी माना है कि उनके पास जयपुर नगर निगम के कागज़ात थे जिन्हें छीन कर भीड़ ने फाड़ दिया।
 
4 अप्रैल 2017 को जब पहलू खान की मौत हो गई तब जाकर पुलिस प्रशासन हरकत में आया तथा पहलू खान द्वारा दायर एफ.आई.आर. में धारा 302 लगाकर गिरफ्तारियां शुरू की अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन एफ आई आर में नामजद एक भी व्यक्ति को आज तक पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। 
 
अज़मत खान अभी भी गंभीर रूप से घायल है जिसे राज्य सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही। बहुत अफसोस की बात है कि गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने इस पूरे मामले में सारा दोष पहलू खान और इसके परिवार पर ही मढ़ दिया और तथाकथित गौरक्षकों के कुकृत्य को अप्रत्यक्ष रूप से सही ठहराया जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वंय इन तथा कथित गौरक्षकों
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