मेरी रुचि सत्ता के कब्जे में नहीं , बल्कि लोगों द्वारा सत्ता के नियंत्रण में है - जयप्रकाश नारायण

My interest is not in the capture of power, but in the control of power by the people.                                                      
 
आज जेपी की विरासत की याद जातिगत और आर्थिक विषमता की तनावपूर्ण खाई को कम करने के लिए तो जरूरी है ही, उससे भी ज्यादा जरूरी है लोकतंत्र पर बढ़ते खतरे को विफल करने के लिए. यह विरासत देश के लोकतंत्र की रक्षा हेतु विपक्षी एकता के लिए तो आवश्यक है ही अन्याय और झूठ के विरुद्ध युवाओं के अहिंसक प्रतिरोध के लिए भी जरूरी है.
 
जेपी पीयूसीएल जैसे मानवाधिकार संगठन के संस्थापक थे, वे नगा विद्रोहियों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयत्नशील थे. वे कश्मीर समस्या के हल के लिए लगन से लगे थे. उनकी विरासत यह बताती है कि स्वतंत्रता, समता, बंधुत्व जैसे मानवीय मूल्यों के लिए कब और किससे लड़ना जरूरी है. इसीलिए उनके बारे में दिनकर ने कहा है कि ‘अब जयप्रकाश है नाम देश की आतुर हठी जवानी का’.