भारत के मुसलमानों पर चन्द अल्फाज़

*अतेंद्र सिंह*
 
इन मुसलमानो के हांथो...
शहनाई थमा दो
तो ये *बिस्मिल्लाह खान*
बन जाते हैं।
 
इनके हांथो तबला 
थमा दो तो ये
*जाकिर हुसैन* बनजाते हैं,
 
इनके हांथो म्यूजिक थमा दो
तो ये आस्कर वीजेता 
ए. आर. *रहमान* बन जाते हैं
 
इनके हांथो में कंही दिलकश
अदाकारी थमा दी जाती है तो
युसूफ *दिलीपकुमार*
बन जाते हे।
 
इनकी दिलकश आवाज 
देश की शान *मुहम्मद रफी*
बन जाते हे।
 
इनके हाँथ टेनिस रैकेट
थमा दो तो 
*सानिया मिर्ज़ा* बन जाती हैं
 
इनके हाँथ साइंस थमा दो
तो ये
*अब्दुल कलाम* बन जाते हैं,
 
वतन का जज्बा थमा दिया तो
*अशफाक़उल्ला* तो कही 
*अब्दुलहमीद* बन जाते हे ,
 
क्या हर बात की शहादत दे ये
हजारो दीन के उलेमा
कुर्बान हुए जंगे आजादी में ,
 
इन्हे अव्वल रहने की आदत है
इनके कदम लड़खड़ाए तो ये
*हाजी मस्तान* भी बन गये है,
 
इन्हे तालीम चाहिए 
ये जालिम नही हैं , 
इन्हे रोजगार दे दो 
ये हुनर-मंद हैं ,
 
ये मरकजे इल्म है,
इन्हे दहशतगर्द मत समझो
इस जमीं पर सजदा भी ये 
पाक होकर करते हे,
 
मर कर भी इस ख़ाके वतन
की मिटटी में ये पाक
ही दफ्न होंगे
 
कुरान का सिखाया हुआ 
हर लफ्ज रवां हे, उस पर हर
मुसलमान का ईमान पक्का हे
 
मरते मर जायंगे ये पर 
वतन से गद्दारी नही करेंगे , 
ये सच्चे मुस्लमानों का 
वादा है और दावा है 
 
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_*गर्व करिये की ये भारतीय मुसलमान है...*