रोहित के नाम से द्रोणाचार्य का कलेजा काँपता है।-Dilip Mandal

रोहित वेमुला की कहानी सिर्फ़ दलित उत्पीड़न की कहानी होती तो अब तक मर चुकी होती।
यह प्रतिरोध की कथा है। विरोध की कहानी है। देशव्यापी विद्रोह की दास्तान है।
इसलिए आज देश और विदेश में हज़ारों जगहों पर रोहित फिर ज़िंदा हो उठा।
इसलिए रोहित के नाम से द्रोणाचार्य का कलेजा काँपता है।