नोटबंदी और जबरन बेदखली की पड़ी दोहरी मार: नोटबंदी के 100 दिन पुरे होने और जबरन बेदखली के खिलाफ कठपुतली कॉलोनी वासियों का जंतर मंतर पर प्रदर्शन

नोटबंदी और जबरन बेदखली की पड़ी दोहरी मार:
नोटबंदी के 100 दिन पुरे होने और जबरन बेदखली के खिलाफ कठपुतली कॉलोनी वासियों का जंतर मंतर पर प्रदर्शन 

जंतर मंतर | 19 फरवरी 2017: कठपुतली कॉलोनी के निवासियों ने नोटबंदी के 100 दिन पुरे होने पर आयोजित रैली और धरने में बड़ी संख्या में शामिल हो कर अपने रोज़गार पर पड़े प्रभाव और साथ ही अपने आवास पर डीडीए की दोहरी मार के चलते मंडी हाउस से जंतर मंतर तक रैली निकाली | "नोटबंदी नहीं, डीडीए और बिल्डरों के काले कारनामे बंद करो बंद करो","सरकारों ने चलाया बेदखली का दौर, कभी घर तो कभी रोजगार", "झुग्गियों में घर और रोजगार दोनों पर पड़ी मार, झूटी सरकार, डीडीए बेकार " जैसे नारों के साथ जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन में शामिल हुए| 

भिन्न क्षेत्र के लोग, जन आन्दोलनों के प्रतिनिधि, ट्रेड यूनियन ,सामाजिक संगठनो के साथी और राजनीतिक पार्टियों ने इस धरने में अपनी भागीदारी दिखाई और सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के कारण हुई हानि और नकारात्मक प्रभाव की कड़ी निंदा की और कठपुतली कॉलोनी में पुलिस बल पर डीडीए द्वारा चलाई जा रही गैर-क़ानूनी व जबरन पर्ची काटने और घर तोड़ने की प्रक्रिया को धिक्कारा | कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री, मनी शंकर अइयर, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी.राजा, सीपीआईएम वरिष्ठ निलोत्पल बासु, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन वीमेन की नेत्री एनी राजा, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रविन्द्र गुप्ता, न्यू ट्रेड यूनियन इनिशिएटिव के प्रतिनिधि गौतम मोदी जैसे कुछ प्रख्यात राजनीतिक और ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधियों ने नोटबंदी और उसके नकारात्मक प्रभाव के विरोध में बात की और कठपुतली कॉलोनी के संघर्ष के समर्थन में ज़बरन बेदखली और पुलिस बल पर डीडीए द्वारा लोगो पर दबाव बनाने की कोशिश को धिक्कारते हुए अपना पूरा सहयोग लोगो की ज़मीन की मांग के साथ रखा |

कठपुतली कॉलोनी के लोगो ने खुद पर हुए अत्याचार की व्यथा को ना सिर्फ मौखिक तौर पर बल्कि अपनी कला का प्रयोग करते हुए भी, कठपुतली का नाच, गीत और जादू जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से सभी लोगों तक पहुचाया और कठपुतली कॉलोनी की विरासत और अनोखेपन का प्रमाण दिया जो नष्ट होने की कगार पर है| जबरन बेदखली का विरोध करते हुए कठपुतली कॉलोनी के लोग अपनी मांगो पर दृढ़ता से खड़े हैं|

1) डीडीए के एक एक करके घर तोड़ने की प्रक्रिया के चलते वहाँ की नालियों में मलबा भर गया है जिसके कारण वहाँ बहुत गंधगी फ़ैल गई है जिससे कई बीमारी होने की सम्भावनाये हैं। डीडीए को जल्द से जल्द कठपुतली कॉलोनी में घर तोड़ने से हुई गन्दगी को साफ़ करना चाहिए और जो पानी की पाइपलाइन टूट गई हैं उन्हें ठीक करना चाहिए।
2)  डीडीए अपना कैंप कठपुतली कॉलनी से जल्द से जल्द हटाये।

3)  “हम अपना विकास खुद करेंगे”, यह बात कठपुतली कॉलोनी का हर निवासी कहता है। हमें विस्थापन नहीं बस्ती का नियमितीकरण चाहिए।

4)  बस्ती के विकास और मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार को ज़रूरी कदम उठाने चाहिए।

5)  हम कठपुतली कॉलोनी के नाम सामुदायिक भूमि अधिकार की मांग करते हैं।

6)  उपरोक्त माँगों को ध्यान में रख कर डीडीए 10 दिन की पूर्व सुचना देते हुए जन सुनवाई करें, जिसमे इन सभी माँगों पर खुली चर्चा होनी चाहिए।


कठपुतली कॉलोनी के निवासी और दिल्ली समर्थक समूह