पूर्व सांसद सुभाषिणी अली ने इस अवसर पर मजदूर किसानों के हकों को छीनकर जेपी घराने से लेकर अडानी अम्बानी विजय माल्या की तिजोरियां भरने वाली नीतियों को उजागर किया और इसके विरुद्ध बनी जबरदस्त एकता का अभिनन्दन किया । उन्होंने खुशी जताई कि यहां स्थायी और ठेका मजदूर मिलकर लड़ रहे हैं ।

मजदूरवर्ग की एकता को हर कठिनाई का रास्ता निकालने की कुंजी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह मुश्किल दौर है । मजदूरों के हक़ अधिकार छीने जा रहे हैं । आदिवासी गरीब किसानों की जमीन छीन कर पुराने पूंजीपतियों से लेकर रामदेव जैसे नए पूंजीपतियों को थमाई जा रही है । भूमिहीन गरीब किसानों को एक बीघा जमीन नहीं दी जा रही, जबकि बड़ी कंपनियों को हजारों एकड़ मुफ़्त में दी जा रही है ।
सुभाषिणी अली ने रेल बजट को आम बजट से जोड़े जाने को रेल के निजीकरण की तैयारी की ओर कदम बताया ।
उन्होंने एकता को और अधिक व्यापक बनाने की अपील की । गाँव के किसानो और आमजनता को इससे जोड़ने की अपील की ।
इस अवसर पर सीटू मध्यप्रदेश के महासचिव प्रमोद प्रधान और राज्य उपाध्यक्ष बादल सरोज भी बोले ।
शहीद राघवेंद्र सिंह पटेल की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ संकल्प सभा की शुरुआत हुयी ।