राजस्थान में इतिहास की किताब से जवाहरलाल नेहरू का नाम हटाने का खेल समझिए। वहाँ के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि वे किताबों में ऐसा बदलाव लाएँगे कि कोई कन्हैया कुमार पैदा नहीं हो सके। जेएनयू से तो भाजपा के नेता ऐसे ही चिढ़ते हैं। मंत्री महोदय यह भूल गए कि जवाहरलाल नेहरू केवल जेएनयू के नाम का हिस्सा नहीं हैं। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री भी हैं। अब मुझसे और जेएनयू से ऐसी भी क्या नाराज़गी कि बच्चों को देश के पहले प्रधानमंत्री का नाम ही न बताएँ !
यह तो हुई मज़ाक की बात। वे बच्चों को यह भी नहीं बताना चाहते कि नाथूराम गोडसे ने गाँधी की हत्या की थी। इसे ही कहते हैं चोर की दाढ़ी में तिनका होना। आप डरते हैं कि लोग आपकी असलियत जान जाएँगे। लेकिन आप चाहे लाख तथ्य हटा दें, जनता सच जानकर रहेगी क्योंकि झूठ सुनने-सहने की भी एक सीमा होती है। राजनीति में जो लोग इतिहास से डरते हैं, वे भविष्य से भी डरेंगे। डरे हुए लोग कभी कुछ सार्थक रच नहीं सकते।
कन्हैया कुमार
President,
JNU Students Union