प्रेस विज्ञप्ति/आमंत्रण
(शनिवार 1 अक्टूबर, 2016, गाँधी भवन, शाम 5 बजे)
मध्यप्रदेश सरकार गैस पीड़ितों के सबसे बड़े अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर को अपने अधीन लेने के लिए आतुर है. इस सिलसिले में मध्यप्रदेश सरकार ने पिछली केबिनेट बैठक में केंद्र सरकार से पहल करने के लिए मंजूरी दी और इस अधिग्रहण के बारे में ताबड़तोड़ ढंग से प्रस्ताव बना कर डिपार्टमेन्ट ऑफ हेल्थ रिसर्च को भेज दिया है, इसके पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दे चुके हैं. उन्हें और गैस राहत मंत्री को पूरा भरोसा है कि केंद्र सरकार इस अस्पताल का प्रबंधन राज्य सरकार को सौप देगी.
एक और अहम सवाल यह भी है कि यदि यह अस्पताल राज्य सरकार अपने अधीन ले लेगी तो भला केंद्र सरकार इसको 150 करोड़ की सालाना सहायता क्यों देगी? ऐसे में अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी.
गैस पीड़ितों के इस आधुनिक अस्पताल को बचाने की मुहीम में अस्पताल के विभिन्न कर्मचारी संगठन भी जुड़ गए हैं.
अतएव इस महत्वपूर्ण अभियान में भागीदारी के लिए, गैस पीड़ितों और अस्पताल के कर्मचारियों के हित समर्थन में हम सभी को आगे आना होगा. इसी सिलसिले में विचार विमर्श हेतु और अगली योजना बनाने के लिए शनिवार 1 अक्टूबर 2016 को गाँधी भवन में शाम 5 बजे एक बैठक का आयोजन किया गया है.
आप सभी से समर्थन की अपील के साथ, एक बार पुनः बैठक में भाग लेने का अनुरोध है.
भवदीय
एल एस हरदेनिया
पूर्णेन्दु शुक्ल
सदस्य, निगरानी समिति (सुप्रीम कोर्ट)
(शनिवार 1 अक्टूबर, 2016, गाँधी भवन, शाम 5 बजे)
मध्यप्रदेश सरकार गैस पीड़ितों के सबसे बड़े अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर को अपने अधीन लेने के लिए आतुर है. इस सिलसिले में मध्यप्रदेश सरकार ने पिछली केबिनेट बैठक में केंद्र सरकार से पहल करने के लिए मंजूरी दी और इस अधिग्रहण के बारे में ताबड़तोड़ ढंग से प्रस्ताव बना कर डिपार्टमेन्ट ऑफ हेल्थ रिसर्च को भेज दिया है, इसके पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दे चुके हैं. उन्हें और गैस राहत मंत्री को पूरा भरोसा है कि केंद्र सरकार इस अस्पताल का प्रबंधन राज्य सरकार को सौप देगी.
एक और अहम सवाल यह भी है कि यदि यह अस्पताल राज्य सरकार अपने अधीन ले लेगी तो भला केंद्र सरकार इसको 150 करोड़ की सालाना सहायता क्यों देगी? ऐसे में अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी.
गैस पीड़ितों के इस आधुनिक अस्पताल को बचाने की मुहीम में अस्पताल के विभिन्न कर्मचारी संगठन भी जुड़ गए हैं.
अतएव इस महत्वपूर्ण अभियान में भागीदारी के लिए, गैस पीड़ितों और अस्पताल के कर्मचारियों के हित समर्थन में हम सभी को आगे आना होगा. इसी सिलसिले में विचार विमर्श हेतु और अगली योजना बनाने के लिए शनिवार 1 अक्टूबर 2016 को गाँधी भवन में शाम 5 बजे एक बैठक का आयोजन किया गया है.
आप सभी से समर्थन की अपील के साथ, एक बार पुनः बैठक में भाग लेने का अनुरोध है.
भवदीय
एल एस हरदेनिया
पूर्णेन्दु शुक्ल
सदस्य, निगरानी समिति (सुप्रीम कोर्ट)