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पीटीआई-भाषा संवाददाता 21:27 HRS IST नयी दिल्ली, 31 जनवरी :भाषा: बसपा प्रमुख मायावती को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले के साथ हस्तक्षेप करने से आज इंकार कर दिया जिसमें उसने उनके खिलाफ उन आरोपों की जांच करने से मना कर दिया था जिसके तहत कहा गया था कि उन्होंने जातिगत और धार्मिक आधार पर मतदाताओं को लुभाने के लिए बयान दिया।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने उस आदेश के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया जिसमें याचिकाकर्ता को निर्देश दिया गया था कि वह चुनाव आयोग के समक्ष कानून के अनुसार उपचार मांगे।
उत्तर प्रदेश निवासी नीरज शंकर सक्सेना ने उच्च न्यायालय के 14 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत चुनाव आयोग को इस तरह की वैसी किसी शिकायत पर आगे बढ़ने की स्वतंत्रता चुनाव आयोग को दी गई थी, जो इस बात का आकलन करने के लिए आ सकती है कि क्या इस तरह का बयान उच्चतम न्यायालय के फैसले की भावना के खिलाफ था।
उच्च न्यायालय ने साथ ही कहा था कि चुनाव आयोग संबद्ध पक्षकार को नोटिस जारी करने और कानून के अनुरूप आरोपों की सामग्री की जांच करने के बाद ही आगे बढ़ेगा और उम्मीद जताई थी कि चुनाव आयोग तेजी से इस तरह का फैसला करेगा।
पीटीआई-भाषा संवाददाता 21:27 HRS IST नयी दिल्ली, 31 जनवरी :भाषा: बसपा प्रमुख मायावती को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले के साथ हस्तक्षेप करने से आज इंकार कर दिया जिसमें उसने उनके खिलाफ उन आरोपों की जांच करने से मना कर दिया था जिसके तहत कहा गया था कि उन्होंने जातिगत और धार्मिक आधार पर मतदाताओं को लुभाने के लिए बयान दिया।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने उस आदेश के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया जिसमें याचिकाकर्ता को निर्देश दिया गया था कि वह चुनाव आयोग के समक्ष कानून के अनुसार उपचार मांगे।
उत्तर प्रदेश निवासी नीरज शंकर सक्सेना ने उच्च न्यायालय के 14 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत चुनाव आयोग को इस तरह की वैसी किसी शिकायत पर आगे बढ़ने की स्वतंत्रता चुनाव आयोग को दी गई थी, जो इस बात का आकलन करने के लिए आ सकती है कि क्या इस तरह का बयान उच्चतम न्यायालय के फैसले की भावना के खिलाफ था।
उच्च न्यायालय ने साथ ही कहा था कि चुनाव आयोग संबद्ध पक्षकार को नोटिस जारी करने और कानून के अनुरूप आरोपों की सामग्री की जांच करने के बाद ही आगे बढ़ेगा और उम्मीद जताई थी कि चुनाव आयोग तेजी से इस तरह का फैसला करेगा।