अम्बेडकर के पोते ने पीएम से पुछा- ‘संघ अपने चंदे के पुराने नोटों को कैसे बदलेगा?’

एक तरफ देश में नोटबंदी से जनता परेशान है तो वहीं इस मामले पर जमकर राजनीति हो रही है। इस बार डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि आरएसएस के चंदे का हिसाब कौन देगा?
 
‘जागरण’ पर छपी खबर के मुताबिक, अंबेडकर का कहना है कि लोग बैंकों में जाकर अपने नोट बदवा सकते हैं तो ऐसे में संघ अपने नोट कैसे बदलेगा क्योंकि वो न तो किसी कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड है, न किसी सरकारी संगठन के रूप में और न ही राजनीतिक पार्टी के रूप में। ऐसे में संघ अपने रुपयों को कैसे बदलेगा?

अंबेडकर ने कहा कि दशहरे के दिन संघ नागपुर में एक बहुत बड़ी रैली करता है और इस दिन भारी मात्रा में पैसे इकट्ठे होते हैं और इनमें 500 और 1000 के नोट अधिक मात्रा में होते हैं। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस दिन संघ के पास करोड़ों रुपये इकट्ठे होते हैं। उन्होंने पीएम मोदी से पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री बता सकते हैं कि इस पैसे का हिसाब-किताब कैसे होगा और ये पैसा जाता कहां है?

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के कार्यकाल में संघ को 700 करोड़ का चंदा मिला था और ज्यादातर चंदा अमेरिका से आया था। इस मामले की जांच इनकम टैक्स अधिकारी मिस्टर गुप्ता ने की थी। उस वक्त भाजपा ने इस मामले को लेकर जमकर बवाल किया था और उस अधिकारी का तबादला तक करा दिया था।