Rihai Manch : For Resistance Against Repression
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अखलाक हत्याकांड के अभियुक्त रोबिन द्वारा अदालत को दिया गया प्रार्थना पत्र खुद इस बात का सुबूत है कि वह चिकनगुनिया से पीड़ित था - रिहाई मंच
साध्वी प्राची पर अखिलेश सरकार तत्काल मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करे- रिहाई मंच
नोट- न्यायालय एडीजे/एफटीसी प्रथम गौतम बुद्ध नगर को 30 सितंबर 2016 को अधिवक्ता राम शरण द्वारा अभियुक्त रोबिन की तरफ दिया गया प्रार्थना पत्र मेल में संलग्न
लखनऊ 9 अक्टूबर 2016। रिहाई मंच ने अखलाक हत्या कांड के अभियुक्त रोबिन की मौत के बाद उनके अधिवक्ता राम सरन द्वारा 30 सितंबर 2016 को न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र को जारी करते हुए कहा कि जब अभियुक्त पक्ष ने खुद ही न्यायालय में बीमार होने का प्रार्थना पत्र दिया तो ऐसे में रोबिन की मौत के बाद जिस तरह सांप्रदायिकता को भड़काया जा रहा है वह यूपी को सांपद्रायिक हिंसा में झोंकने की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।
अधिवक्ता व मानवाधिकार कार्यकर्ता असद हयात ने कहा कि न्यायालय एडीजे/एफटीसी प्रथम गौतम बुद्ध नगर को 30 सितंबर 2016 को अधिवक्ता राम शरण द्वारा अभियुक्त रोबिन की तरफ से जिला चिकित्सालय में इलाज हेतु स्थानांतरित करने का प्रार्थना पत्र दिया गया था। प्रार्थना पत्र में अभियुक्त रोबिन को चिकनगुनिया बुखार से पीड़ित बताया गया था। जिसमें कहा गया था कि उसकी रीढ़ की हड्डी और शरीर के विभिन्न हिस्सों में असहनीय पीड़ा हो रही है और रोबिन की सेहत को गंभीर बताया गया। आरोप लगाया गया कि अभियुक्त का इलाज जिला चिकित्सालय में नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति में अभियुक्त ने न्यायालय से मांग की थी कि उसे उचित इलाज हेतु जिला अस्पताल गौतम बुद्ध नगर में स्थानांतरित किया जाना आवश्यक है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि गोमांस के नाम पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काकर अखलाक हत्या के आरोपी रोबिन की मौत चिकनगुनिया से हुई है। दस्तावेज भी यही साबित करते हैं। लेकिन उसके बाद जिस तरह से एक हत्यारोपी को पुलिस प्रशासन के सामने तिरंगे में लपेटा गया और उसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उसे 20 लाख रुपए मुआवजा और परिवार को नौकरी देने का वादा किया है इससे साबित होता है कि यूपी सरकार भीड़ तंत्र के सामने नतमस्तक है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अखिलेश यादव प्रदेश में हर डेंगू और चिकनगुनिया से मरने वाले को 20-20 लाख रुपया मुआवजे के बतौर दे रहे हैं। मुहम्मद शुऐब ने कहा कि जिस तरह से मुआवजे की राजनीति की जा रही है उसे सिर्फ भावनात्मकता में नहीं देखना चाहिए। यह सरकार मुआवजे के नाम पर इंसाफ का गला घोंट रही है और हिन्दुत्वादी समूहों को आग लगाने का पूरा मौका दे रही है। अखलाक के हत्यारोपी के शव को तिरंगे में लपेटना कोई संयोग नहीं है यह एक सोची समझी सांप्रदायिक रणनीति का हिस्सा है। आखिर रोबिन की मौत के बाद पिछले दिनों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की पूजा करने का आह्वान करने वाली साध्वी प्राची और हत्यारे गौरक्षक कैसे बिसहड़ा पहुंचकर फिर से सांप्रदायिकता की आग में यूपी को झोंक रहे हैं इस पर प्रदेश सरकार क्यों मौन है। उन्होंने मांग की कि तत्काल साध्वी प्राची, केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा व अन्य भाजपा नेताओं पर अखिलेश सरकार राष्ट्रीय ध्वज के अपमान व सांप्रदायिकता भड़काने का मुकदमा दर्ज करे।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
प्रवक्ता रिहाई मंच
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